बनारस में बोले योगी कोरोना वायरस सबसे कमजोर वायरस, इसका संक्रमण केवल तीव्र

बनारस में बोले योगी कोरोना वायरस सबसे कमजोर वायरस, इसका संक्रमण केवल तीव्र

Newspoint24.com/newsdesk/

वाराणसी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) प्रशासन एवं जिला प्रशासन में समन्वय स्थापित करने पर खासा जोर दिया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी मंडल में कोरोना पर नियंत्रण के लिए अच्छा कार्य हुआ है, इसे और अच्छा करना हैं। बीएचयू व जिला प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय से ही पूर्वांचल सहित अन्य प्रदेशों बिहार आदि को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा दिया जा सकता है।

रविवार की शाम कुछ घंटों के लिए वाराणसी आये मुख्यमंत्री बीएचयू के सेंट्रल हाल सभागार में वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं इससे बचाव के साथ ही मरीजों के इलाज के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना मरीजों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया जाय, इसमें कोताही नहीं होनी चाहिये। बीएचयू के सीनियर चिकित्सक कोविड अस्पताल में राउंड भी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएचयू एल-3 लेवल के बेड में विस्तार व नान कोविड ओपीडी संचालित करें। आरटीपीसीआर के टेस्ट बढ़ाने पर जोर देकर मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएचयू ऐसा कार्य करे कि वह दूसरों के लिये अनुकरणीय हो। उन्होंने कहा कि कोविड वायरस सबसे कमजोर वायरस है इसका संक्रमण केवल तीव्र है, संक्रमण रोकने के लिये सावधानी बरती जाय।

प्रदेश में प्रतिदिन 35000 टेस्ट आरटीपीसीआर से
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन 35,000 टेस्ट आरटीपीसीआर से, लगभग 3,000 टेस्ट ट्रोनेट से तथा 40,000 टेस्ट एंटीजन किट से हो रहे हैं। उन्होंने वाराणसी मंडल के सभी जनपदों में एल-1 व एल-2 अस्पताल विकसित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की समुचित व्यवस्था रहे। ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था 48 घंटे बफर में रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में स्वच्छता पहला मानक हो। अस्पताल में बेडशीट बदलने, समय पर खाना, डॉक्टर का राउंड, शौचालय साफ़, समय से दवाई, ऑक्सीजन चेकअप आदि कार्य हो। उन्होंने संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर तत्काल उसे अस्पताल या आइसोलेशन आदि में आइसोलेट कर चिकित्सा सुविधा देने पर जोर दिया।

कोविड मरीजों को खाने के लिए प्रतिदिन 100 रुपये
मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि कोरोना मरीजों को खाने के लिए प्रतिदिन 100 रुपये, डॉक्टरों के क्वारंटाइन में रहने के लिए 500 रुपये प्रतिदिन उनके खाने आदि पर व्यय का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि कोविड अस्पतालों में एक सामूहिक स्थान चयन कर वहां टीवी लगवाएं, ताकि मरीज समाचार आदि देख सकें।

कांटेक्ट ट्रेसिंग व डोर टू डोर सर्वे पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कांटेक्ट ट्रेसिंग व डोर टू डोर सर्वे पर विशेष जोर देते हुए इसे सफलता से चलाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सर्विलांस सही इंसेफ्लाइट जैसी घातक बीमारी में 90 फीसदी कमी आयी हैं। जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस में 1300 से 1500 के बीच मौतें होती थी, वही अब मात्र 120-130 मृत्यु होती है। 05 से 15 जुलाई के दौरान डोर टू डोर सर्वे में जिन लोगों को चिह्नित किया गया है, उन सभी का तत्काल सेम्प्लीग करा लिया जाए। हर जिले में हजारों की संख्या में एंटीजन किट दी गई है, उनसे जांच किया जाए।

सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राइवेट अस्पताल आदि स्थलों पर बूथ बनाकर संदिग्ध व्यक्तियों का व्यापक एंटीजन टेस्ट करें। कोविड के संक्रमण को रोकना है। बनारस के 90 वार्डों में प्रत्येक में दो-दो टीम लगाएं और डोर टू डोर सर्वे कराकर संदिग्ध मिलने वाले लोगों का रैपिड टेस्ट कराएं। इससे जल्द मरीज की पहचान होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीएचयू में अन्य रोगों के इलाज के लिए ओपीडी चालू करने को कहा। मुख्यमंत्री ने होम आइसोलेशन की शर्तों का कड़ाई से पालन कराने, डेड बॉडी का डिस्पोजल कोविड प्रोटोकॉल के तहत होने पर खासा जोर दिया।

जनता से संवाद पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य टीम डोर टू डोर, सर्विलांस के दौरान जनता से सीधा संवाद भी करें और उन्हें जागरूक करें। शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन के दौरान व्यापक स्तर पर स्वच्छता व सैनिटाइजेशन का कार्य अभियान के अवसर पर चलाया जाए। स्वच्छ पेयजल के प्रति निगरानी रखें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेलों में संक्रमण नहीं फैली इसके लिए अस्थाई जेल बनाएं।

व्यवस्थाओं एवं कार्यों का प्रस्तुतीकरण


बैठक में वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर एवं चंदौली के जिलाधिकारियों ने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने जिलों में कोविड वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं उससे बचाव तथा मरीजों के बेहतर से बेहतर इलाज के बाबत किए गए व्यवस्थाओं एवं कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया। बताया गया कि बनारस में 892 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित है। कोविड-19 का उल्लंघन करने पर 13 जुलाई से 25 जुलाई तक 62 लाख रुपया जुर्माना वसूला गया है। जौनपुर में ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के केस ज्यादा मिले। जिसका कारण महाराष्ट्र से आए प्रवासी बताया गया। जौनपुर में 675 किस प्रवासी के हैं।

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