वन्यजीव प्रेमी अब जल्द ही कर सकेंगे सिंबा-सुल्तान की जोड़ी का दीदार

वन्यजीव प्रेमी अब जल्द ही कर सकेंगे सिंबा-सुल्तान की जोड़ी का दीदार

Newspoint24.com/newsdesk/ वार्ता /

इटावा। उत्तर प्रदेश में चंबल की खूबसूरत वादियों में बसे इटावा सफारी पार्क में प्राकृतिक तरीके से विचरण कर रहे ‘वनराज’ का दीदार वन्यजीव प्रेमी जल्द ही कर सकेंगे।

सफारी पार्क के निदेशक वी.के.सिंह ने सोमवार को यूनीवार्ता को बताया कि अनलॉक 2.0 के बाद लायन सफारी को खोले जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। करीब 27 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैले वन क्षेत्र में जल्द ही पर्यटक चार साल के हो चुके सिंबा और सुल्तान को गर्जना करते देख सकेंगे। सिंबा और सुल्तान एक ही माता-पिता की संतान हैं। पैदा होने के बाद से दोनों एक ही साथ रहे हैं और उनमें इंसानों जैसा प्यार एक दूसरे के प्रति देखने को मिलता है। यह दोनों पयर्टकों के लिए अच्छा आकर्षण होंगे।

उन्होंने बताया कि इटावा सफारी में फिलहाल पांच शेरों को दिखाने की तैयारी है। जिनका चयन भी कर लिया गया है। सिम्बा, सुल्तान के अलावा एक साल के भरत, रुपा ओर सोना को भी पर्यटक चहल कदमी करते हुए देख सकेंगे। सफारी में छोड़े जाने के लिए शेरों का चयन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने इसके लिए सिंबा, सुल्तान, भरत, रूपा और सोना का चयन किया है।

सिंबा, सुल्तान का जन्म 6 अक्टूबर 2016 को हुआ था और अब यह दोनों 4 वर्ष के होने वाले हैं। जबकि भरत, रूपा और सोना का जन्म 26 जून 2019 को हुआ था और यह एक साल के हैं। पिछले महीने ही इन्हें अलग घर में शिफ्ट किया गया है।

दिलचस्प यह है कि इन पांचों की जन्मभूमि लायन सफारी है। लायन सफारी में ही शेरनी ‘जेसिका’ ने इन्हें जन्म दिया था और अब लायन सफारी में जन्म लेने वालों को ही सफारी ने छोड़ा जाएगा। एक शेर ‘बाहुबली’ ने भी लायन सफारी में ही जन्म लिया है हालांकि उसे अभी पर्यटक नहीं देख पाएंगे।

कोरोना महामारी और लाॅकडाउन की वजह से चरमराई इटावा जिले की अर्थव्यवस्था लायन सफारी खुलने से पटरी पर आने की उम्मीद बढ़ गई है। लायन सफारी मे पहले चरण में केवल पांच शेरों को पर्यटकों के सामने लाया जाएगा, जिसमें सगे भाई सिंबा और सुल्तान की जोड़ी सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होगी।

श्री सिंह ने बताया कि पिछले साल 24 नवंबर को सफारी से केवल ढाई महीने में एक करोड़ रुपये टिकट के जमा हुए थे। रोजाना करीब 15 हजार पर्यटक आ रहे थे, जबकि उस समय शेरों को बाहर नहीं लाया गया था। सफारी बनने के समय से ही उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों के लाखों लोग शेरों को देखने के इंतजार में हैं।

निदेशक ने कहा कि लाॅकडाउन में छूट मिलने के बाद लोग जंगली या पहाड़ी क्षेत्रों में जाकर कुछ समय बिताना चाहते हैं। 15 जून से दुधवा, कर्तनिया सहित वन्य जीवों वालें सभी पर्यटन स्थल बंद हो चुके हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में पर्यटकों के यहां आने की संभावना है। इससे मंदी के दौर से गुजर रहे जिले के होटल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सहित कई व्यापार को रफ्तार मिलने के साथ स्थानीय लोगों के लिए कारोबार का अवसर भी बढ़ेगा।

सिंह के मुताबिक जूनागढ़ के बाद इटावा दूसरा सफारी है जहां एशियाटिक शेरों की शुद्ध प्रजातियां रखी गई हैं। इनके डीएनए की जांच से इनका सात पीढ़ी पुराना इतिहास पता लगाया जा चुका है। उनका कहना है इसलिए इटावा सफारी को ब्रीडिंग सेंटर बनाया गया है कि शेरों की शुद्ध नस्ल को प्रदेश के बाकी चिड़ियाघरों तक पहुंचाया जा सके। अभी तक अन्य चिड़ियाघरों में अफ्रीकन और एशियाटिक शेरों की शंकर प्रजाति मौजूद है।

इटावा सफारी पार्क को पिछले साल 24 नवंबर को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था लेकिन साथ लायन सफारी तक नहीं खोली गई थी। अब इसे खोले जाने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। सेंट्रल जू अथाॅरिटी ने भी लायन सफारी को खोलने की परमिशन दे दी है। सफारी में आकर्षण का मुख्य केंद्र लायन सफारी ही है लेकिन अभी तक इसे ना खोले जाने के कारण यहां आने वाले पर्यटकों को शेरों का दीदार ना कर पाने के कारण एक कमी महसूस होती रही है। इसके चलते नवंबर से ही इस बात के प्रयास किए जा रहे हैं कि लायन सफारी को भी पर्यटकों के लिए खोला जा सके।

लायन सफारी को 50 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में बनाया गया है लेकिन इसके लिए पिछले हिस्से से एक बड़ा नाला निकलता है। उसे दीवार बनाकर लायन सफारी से अलग किया जा रहा है। शेष बचे हुए 27 हेक्टेयर में यह शेर चहलकदमी करेंगे। इस दीवार को बनाए जाने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है जो जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। फिलहाल तो सफारी पार्क को कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटकों के लिए बंद करके रखा गया है। योजना यह है कि अब जब सफारी पार्क को पर्यटकों के लिए खोला जाए तो इसके साथ ही लायन सफारी को भी खोल दिया जाए।

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