बच्चों में क्यों बढ़ रहा हैं हार्ट अटैक का खतरा ?

बच्चों में क्यों बढ़ रहा हैं हार्ट अटैक का खतरा ?

Newspoint24.com/newsdesk/

हार्ट अटैक एक गंभीर बीमारी है, जिसका खतरा बड़ों के साथ-साथ अब बच्चों में भी बढ़ रहा है। दरअसल, शरीर में जब खून का ब्लॉकेज हो जाता है तो दिल की मांसपेशियां सही तरीके से काम नहीं करतीं और यही वजह है कि लोगों में हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या हो जाती है। बच्चों में यह समस्या इसलिए देखने को मिल रही है (खासकर इस कोरोना काल में), क्योंकि वह बिना कुछ खाए-पिए घंटों बैठे रह रहे हैं, जिसकी वजह से उनके शरीर में मेटाबॉलिक रेट खराब हो रहा है और हाइपोग्लेसेमिया की वजह से उनमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है।

कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में स्कूल बंद हैं, जिसकी वजह से बच्चे ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। ऐसे में उन्हें लंबे समय तक कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठे रहना पड़ता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि ज्यादा देर तक एक ही जगह पर बैठे रहने से हार्ट अटैक की समस्या बढ़ जाती है। 

आजकल के बच्चे मोबाइल फोन के एडिक्ट हो गए हैं यानी उन्हें उसकी लत लग गई है, जो उनके दिमाग को कमजोर बना रहा है। इस कारण बच्चों में तनाव की समस्या हो सकती है और तनाव की वजह से उनमें हार्ट अटैक की समस्या भी हो सकती है। 

कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से बच्चों को 24 घंटे घर पर ही रहना पड़ रहा है, जिसकी वजह से उनकी दिनचर्या पूरी तरह से खराब हो गई है। देर रात तक जागना, मोबाइल चलाना, उसमें गेम खेलना और फिर सुबह देर से उठना, ये सारी चीजें बीमारियों को ही जन्म देती हैं। बच्चों की यह दिनचर्या उनमें हार्ट अटैक का भी कारण बन सकती है। इसलिए माता-पिता को बच्चों की इन सभी आदतों पर ध्यान देना होगा और उनके साथ समय व्यतीत करना होगा। माता-पिता को बच्चों की शारीरिक फिटनेस पर भी ध्यान देना होगा, जिससे वह तनाव से बचे रहें और हार्ट अटैक जैसी बीमारी के शिकार न हों। 

Share this story