जरूरत होने पर निजी अस्पतालों में भी निशुल्क उपचार हाेगा-गहलोत

जरूरत होने पर निजी अस्पतालों में भी निशुल्क उपचार हाेगा-गहलोत

Newspoint24.com/newsdesk/


जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत ने कहा है कि राज्य में कोविड-19 के गंभीर रोगियों को आवश्यकता होने पर निजी अस्पतालों में भी निशुल्क उपचार मिल सकेगा।
श्री गहलोत ने आज यहां अपने निवास पर हुई बैठक में राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजकीय अस्पतालों में ऑक्सीजन बैड्स की समुचित व्यवस्थाएं की हैं। इसके बाद भी भविष्य में और बैड्स की आवश्यकता होने पर निजी अस्पतालों से सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए जिला कलक्टर निजी अस्पतालों में राज्य सरकार की निर्धारित दरों पर कोविड के गंभीर रोगियों के निशुल्क इलाज की व्यवस्था कर सकेंगे।


उन्होंने कहा कि संकट के इस समय निजी अस्पताल अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए आईसीयू तथा ऑक्सीजन बैड की संख्या बढ़ाएं। निजी अस्पताल लक्षणहीन मरीजों को बैड उपलब्ध कराने के लिए होटल संचालकों के साथ बातचीत करके अनुबंध करें ताकि गंभीर रोगियों के लिए अस्पताल में बैड उपलब्ध रह सकें। जिला कलक्टर यह व्यवस्था सुनिश्चित करवाएं।
बैठक में उन्होंने राज्य में संभागीय स्तर पर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में हाई फ्लो ऑक्सीजन युक्त बैड तथा आईसीयू बैड की संख्या को अगले एक महीने में तीन से चार गुना तक बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को देखते हुए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। जयपुर एवं कोटा में कोविड केयर के लिए 100 अतिरिक्त बैड की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। कोविड रोगियों की बढ़ी संख्या को देखते हुए उन्होंने अजमेर, अलवर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, पाली एवं झालावाड़ में कंटेनमेंट जोन की व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने के निर्देश दिए।


श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना के कारण जिन लोगों की आजीविका छिन गई और जो पूर्व में 37 श्रेणियों के लिए किए गए सर्वे से वंचित रह गए थे, दूसरे सर्वे में चिन्हित ऐसे चार लाख 14 हजार जरूरतमंद परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने के लिए बड़ा निर्णय किया है। इनको प्रति परिवार एक किलो चना तथा इन परिवारों के 15 लाख 33 हजार सदस्यों को दस किलोग्राम गेहूं निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की विभिन्न श्रेणियों में चयनित परिवारों को निर्धारित दर के स्थान पर नवम्बर तक निशुल्क गेहूं वितरण करने के निर्देश दिए। इन दोनों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 138 करोड़ रूपए उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड के इस दौर में जरूरतमंद हर परिवार को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने में राज्य सरकार कोई कमी नहीं रखेगी।

उन्होंने सभी सांसदों-विधायकों से एहतियात के तौर पर अपनी कोरोना जांच करवाने का अनुरोध किया। श्री गहलोत कहा कि सांसदों-विधायकों का जनप्रतिनिधि के रूप में लोगों से मिलना-जुलना रहता है। ऐसे में स्वयं की तथा मिलने वाले लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से उनके लिए कोरोना जांच कराना उचित होगा।
श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए भीड़ पर नियंत्रण जरूरी है। विवाह आयोजनों के साथ-साथ सभी सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, खेल एवं राजनीतिक आयोजनों में पूर्व की भांति 50 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी जाए। साथ ही इन आयोजनों के लिए संबंधित उपखंड अधिकारी को पूर्व सूचना भी देनी होगी।


बैठक में श्री गहलोत ने जयपुर मेट्रो का संचालन सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल के साथ शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टरों को जेईई-नीट परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को संक्रमण से बचाने के लिए परीक्षा केन्द्रों पर हैल्थ प्रोटोकॉल से संबंधित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। साथ ही बच्चों के आवागमन के लिए परिवहन तथा ठहरने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोरा ने बताया कि राज्य में अगस्त में मृत्यु दर 0.96 प्रतिशत एवं रिकवरी दर 90.54 प्रतिशत रही है।

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