शुद्ध शाकाहारी भोजन के फायदे, लाभ, गुण

शुद्ध शाकाहारी भोजन के फायदे, लाभ, गुण

Newspoint24.com/newsdesk/बलराम दुबे/

शुद्ध शाकाहारी भोजन क्या है और इसके फायदे

शुद्ध शाकाहारी भोजन ही शरीर के लिए सबसे बेस्ट और भारतीय परंपरा में काफी अहम भी माना जाता है। दरअसल, आहार 3 प्रकार का होता है- सात्विक, तामसिक और राजसिक। आयुर्वेद और योग साहित्य में सुझाए गए खाद्य पदार्थों पर आधारित, ताजा, हल्की चिकनाई वाला, शाकाहारी और पौष्टिक भोजन को सात्विक भोजन कहते हैं। दूसरों शब्दों में कहें तो शुद्ध शाकाहारी भोजन वह जो शरीर को शुद्ध करता है और मन को शांति देता है।

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दरअसल, सात्विक संस्कृत शब्द “सत्व” से लिया गया है। सत्व भारतीय योग दर्शन की एक अवधारणा है जिसका मतलब है शुद्ध, सच्चा, नैतिक, ऊर्जावान, स्वच्छ, मजबूत, बुद्धिमान और जीवित या अति आवश्यक। इस प्रकार, सात्विक आहार में उन खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है जो इसके अर्थ का अनुपालन करते हैं। सात्विक भोजन का अर्थ सिर्फ उसमें शामिल खाद्य पदार्थों तक सीमित नहीं है बल्कि इसका अर्थ खाने की आदतों से भी जुड़ा है जैसे- संयम में रहकर खाने की आदत और अधिक खाने से बचना।

आयुर्वेद के मुताबिक, सात्विक भोजन या आहार का सेवन करना इसलिए भी जरूरी है ताकि शरीर और मन के बीच के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद मिल सके। तो आखिर सात्विक भोजन क्या है और इसे खाने से शरीर को कौन-कौन से फायदे होते हैं इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।

शुद्ध शाकाहारी भोजन क्या है ?

शुद्ध शाकाहारी भोजन या सात्विक डायट फाइबर से भरपूर, लो फैट वाला शाकाहारी आहार है। शुद्ध शाकाहारी भोजन शुद्ध और संतुलित होता है जिससे शांति, शीतलता, खुशी और मानसिक स्पष्टता महसूस होती है। राजसिक भोजन बहुत ज्यादा उत्तेजित करने वाला और तामसिक भोजन कमजोरी और आलस्य बढ़ाने वाला माना जाता है।

इन तीनों प्रकार के भोजन में सात्विक भोजन को भी सबसे पौष्टिक और पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार अगर आप शारीरिक मजबूती, मानसिक सेहत और लंबी आयु को बढ़ावा देना चाहते हैं तो शुद्ध शाकाहारी भोजन का ही सेवन करें। ऐसा इसलिए क्योंकि शाकाहारी भोजन में ताजी चीजें शामिल होती हैं जैसे- मौसमी फल और सब्जियां , दूध और दूध से बने उत्पाद, अंकुरित साबुत अनाज, ताजे फलों का जूस, दालें, ड्राई फ्रूट्स, सूखे मेवे और बीज, शहद और जड़ी बूटियों से भरपूर चाय। आयुर्वेद में भी राजसिक और तामसिक भोजन की जगह सात्विक भोजन ही करने का सुझाव दिया गया है।

शाकाहारी डायट में कच्चा और पका हुआ दोनों तरह का भोजन शामिल होता है। सभी तरह के प्रोसेस्ड यानी परिष्कृत भोजन, बासी भोजन, बहुत ज्यादा पके हुए और बहुत ज्यादा मसालेदार भोजन को तामसिक भोजन की कैटिगरी में रखा जाता है।

शाकाहारी भोजन के फायदे –

बीमारियों का खतरा होगा कम –

हालांकि अब तक खासतौर पर शाकाहारी भोजन को लेकर कोई रिसर्च नहीं की गई है लेकिन यह बात तो हम सभी जानते हैं कि अगर हम साबुत अनाज और पोषक तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन करें तो लंबे समय तक रहने वाली कई बीमारियों जैसे- डायबिटीज, हृदय रोग और कई तरह के कैंसर का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है। खासकर शाकाहारी भोजन तो कई तरह की बीमारियों से बचाने में फायदेमंद साबित हो सकता है।

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शाकाहारी भोजन का सेवन करने से हृदय रोग से जुड़े जोखिम कारक जैसे- हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल जैसे जोखिम कारकों को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। सात्विक भोजन में दालें और फलियां, सब्जियां, फल, मेवा आदि का सेवन किया जाता है जिससे कई तरह की बीमारियों का खतरा और समय से पहले मौत का खतरा भी अपने आप ही कम हो जाता है।

वजन घटाने में मददगार –

सात्विक भोजन फाइबर और प्लांट बेस्ड फूड से भरपूर होता है जिससे वजन घटाने में भी मदद मिलती है। इस बारे में अब तक हो चुके कई अध्ययनों में यह बात सामने आयी है कि जो लोग शाकाहारी भोजन का सेवन करते हैं उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और बॉडी फैट दोनों मांसाहारी लोगों की तुलना में कम होता है। इतना ही नहीं जिन लोगों का वजन अधिक है (ओवरवेट) वे भी अगर शाकाहारी भोजन का सेवन करें तो उनका भी वजन घटने लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सात्विक शाकाहारी भोजन में कैलोरी की मात्रा कम होती है और फाइबर की अधिकता।

मानसिक स्वास्थ्य भी बना रहता है –

सात्विक भोजन का सेवन करने से न सिर्फ आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं बल्कि मानसिक रूप से भी चुस्त और स्फूर्तिदायक बने रहते हैं। सात्विक भोजन का सेवन करने से शरीर, मन और अन्तर्आत्मा के बीच एक संतुलन बना रहता है जिससे व्यक्ति की उम्र लंबी होती है।

शरीर की इम्यूनिटी होती है मजबूत –

सात्विक भोजन में हम सिर्फ क्या खा रहे हैं इस पर ही जोर नहीं दिया जाता बल्कि कब खा रहे हैं और कितना खा रहे हैं इस पर जोर दिया जाता है। सात्विक भोजन में हमेशा ही ओवरईटिंग से बचने और सीमित मात्रा में भोजन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से शरीर की इम्यूनिटी यानी रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत बनती है। सात्विक भोजन करने के साथ ही अगर आप रोजाना कुछ मिनट योग और प्राणायाम या कोई और व्यायाम कर लें तो आपका शरीर सभी तरह की बीमारियों से हमेशा दूर रहेगा।

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है –

सात्विक भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, अंकुरित अनाज आदि चीजें शामिल होती हैं और गर्मी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे- मांस, मछली, प्याज, लहसुन आदि इस भोजन का हिस्सा नहीं होते। लिहाजा पाचन तंत्र के लिए इस तरह के भोजन को पचाना बेहद आसान होता है और पाचन तंत्र को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। जब शरीर का पाचन बेहतर तरीके से होता है तो कब्ज या पेट से जुड़ी कोई और समस्या भी नहीं होती। सात्विक भोजन का सेवन करने से पेट, आंत, लिवर और अग्नाशय को भी मजबूत बनाने में मदद मिलती है।

शाकाहारी भोजन में क्या-क्या खा सकते हैं? –

सात्विक भोजन का सेवन करते वक्त आपको राजसिक और तामसिक कैटिगरी के खाद्य पदार्थों से पूरी तरह से दूर रहना चाहिए। लेकिन कई बार हम इस बात को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं कि किस खाद्य पदार्थ का सोर्स क्या है और हमें उसे सात्विक भोजन के तहत खाना चाहिए या नहीं। सात्विक भोजन में आप क्या-क्या खा सकते हैं, यहां जानें:

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सब्जियां : पालक, गाजर, आलू, ब्रॉकली, गोभी, पत्ता गोभी, लेटस, मटर आदि
फल और फल का जूस : सेब, केला, पपीता, आम, चेरी, तरबूज, खरबूज, पीच, अमरूद, फलों का ताजा जूस आदि
अंकुरित अनाज : चावल, बार्ली, अमरंथ (चौलाई), मोटा पिसा हुआ गेंहू, दलिया, जौ, बाजरा, कीन्वा आदि
सूखे मेवे और बीज : अखरोट, ब्राजील नट, बादाम, कद्दू का बीज, सूरजमुखी का बीज, तिल, अलसी आदि
तेल और फैट : घी, तिल का तेल, जैतून का तेल, अलसी का तेल, आदि
दूध और गैर-दुग्ध उत्पाद : अच्छी क्वॉलिटी का दूध, दही, चीज, बादाम का दूध, नारियल का दूध, काजू का दूध, टोफू आदि
दालें और फलियां : मूंग दाल, काबुली चना, अंकुरित अनाज, दालें आदि
पेय पदार्थ : बिना कैफीन वाली हर्बल चाय, पानी, फलों का जूस
सात्विक मसाले : धनिया, जायफल, जीरा, मेथी, हल्दी, अदरक, दालचीनी आदि
मीठा : शहद और गुड़

बहुत ज्यादा खट्टे, नमकीन और मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए और इसके अलावा बासी खाना या फिर जिन चीजों को पकाने के लिए उन्हें रातभर खमीर उठने के लिए छोड़ना पड़ता है वे भी तामसिक की कैटिगरी में ही आते हैं।

शुद्ध शाकाहारी भोजन में इन बातों का ध्यान रखें

सात्विक भोजन हमेशा ताजा बना हुआ और शुद्ध होना चाहिए।
खाने को बनाकर फ्रिज में रख देने और बाद में उसका सेवन करने की सात्विक भोजन में मनाही होती है।
सात्विक भोजन में केमिकल-फ्री ऑर्गैनिक खाद्य पदार्थों के सेवन पर जोर दिया जाता है।
सात्विक भोजन में खाने के समय का भी महत्व है यानी आपको रोजाना अपना खाना एक ही समय पर करना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आप सुबह का नाश्ता 8 बजे करते हैं तो रोजाना ऐसा ही करें।

शाकाहारी आहार के तहत आपको सोने या किसी भी तरह का योग या आसन करने से 2 घंटे पहले ही अपना भोजन कर लेना चाहिए।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार एवं रचनाकार हैं।)

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