नवंबर तक टली 2008 में हुए जयपुर बम विस्फोट के आरोपियों की सुनवाई

नवंबर तक टली 2008 में हुए जयपुर बम विस्फोट के आरोपियों की सुनवाई

Newspoint24.com/newsdesk/

जयपुर, राजस्थान। उच्च न्यायालय ने जयपुर बम विस्फोट मामले में आरोपियों की ओर से अपील पेश करने के लिए दस्तावेजों का अंग्रेजी में अनुवाद करने में लगने वाले समय के कारण सुनवाई नवम्बर के आखिरी सप्ताह तक टाल दी है।

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता ने यह अंतरिम आदेश चारों अभियुक्तों के मामले में पेश डैथ रैफरेंस और आरोपी शाहबाज के खिलाफ सरकार की अपीलों पर सुनवाई के दौरान पेश अर्जी का निपटारा करते हुए दिए।

अर्जी में कहा गया कि मामले में फांसी की सजा पाने वाले चारों आरोपियों की ओर से हर केस की अलग अलग अपील दायर होनी हैं। इस प्रकार चारों की ओर से कुल 40 अपील दायर होनी है। पूरे मामले में करीब 21 हजार पेज होने के कारण अपीलों को तैयार करने में समय लगना स्वाभिविक हैं।

अर्जी में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार सभी दस्तावेंजों का अंग्रेजी में अनुवाद करवाने की भी गुहार की गई थी। न्यायालय ने अर्जी को स्वीकार करते हुय मामले में अगली सुनवाई नवम्बर के आखिरी सप्ताह तक टाल दी है। इससे पहले 18 मई को कोर्ट ने सभी पक्षों के वकीलों को लिखित में अपनी अपनी बहस पेश करने के निर्देश दिए थे।

गौरतलब है कि जयपुर शहर में 13 मई 2008 को हुये आठ सिरियल बम विस्फोट के मामले में विशेष न्यायालय ने 20 दिसम्बर 2019 को आरोपी मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सैफ, सैफुु उर्फ सैफरर्हमान और मोहममद सरवर आजी को फासी की सजा से दंडित किया था। जबकि एक आरोपी शाहबाज को बरी कर दिया था।

कानून के अनुसार चारों की फांसी की सजा की पुष्टि के लिए डैथ रैफरेंस हाईकोर्ट में दायर हुए है जबकि सरकार ने शाहबाज को बरी करने के खिलाफ अपील की है। इस मामले में आरोपी आरिज उर्फ जुनैद, यासीन भटकर उर्फ अहमद सिद्दी और असदुल्लाह तिहाड जेल में बंद है। इन पर दिल्ली में सिरियल बम विस्फोट करने के आरोप हैं। आरोपी शादाब उर्फ मलिक, मोहम्मद खालिद और साबिज बडा पाकिस्तान भाग गए। इसके अलावा जयपुर बम विस्फोट के दो आरोपी मोहम्मद आतिक और छोटा साजिब 19 सितम्बर 2008 को दिल्ली एटीएस की बाटला मुठभेड में मारे गए थे।

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