चेक बाउंस के केस दायर करने की समय सीमा बढ़ी

चेक बाउंस के केस दायर करने की समय सीमा बढ़ी

Newspoint24.com / newsdesk /


नई दिल्ली । कोरोना वायरस की वजह से कोर्ट में वकीलों और पक्षकारों के प्रवेश पर रोक की वजह से निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 और आर्बिट्रेशन एक्ट के तहत केसों के दायर करने की समय सीमा सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दी है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा कि यह आदेश 15 मार्च से प्रभावी होगा।

उल्लेखनीय है कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत चेक बाउंस के केस दायर होते हैं। कोर्ट ने कहा कि केसों के दायर करने की अवधि अगर 15 मार्च को समाप्त हो गई है तो 15 मार्च से लॉकडाउन खत्म होने के 15 दिन बाद तक के लिए बढ़ाया जाता है। पिछले 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने लिमिटेशन एक्ट के तहत केसों के दायर करने की समय सीमा अगले आदेश तक बढ़ाने का आदेश दिया था।
दरअसल, लिमिटेशन एक्ट के तहत निचली अदालतों और हाई कोर्ट के फैसलों को चुनौती देने के लिए हर मामले की एक समय सीमा तय होती है। कुछ मामले जो निचली अदालतों में दायर होते हैं, उन्हें भी दायर करने के लिए समय सीमा तय होती है। तय समय सीमा के अंदर केस दायर नहीं करने पर कोर्ट याचिकाकर्ता का केस खारिज कर सकता है।

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