सुप्रीम कोर्ट ने पूछा: क्या ऋणशोधन में गयी कंपनियां स्पेक्ट्रम बेच सकती हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा: क्या ऋणशोधन में गयी कंपनियां स्पेक्ट्रम बेच सकती हैं?

Newspoint24.com/newsdesk/

नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से सोमवार को जानना चाहा कि क्या दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत ऋणशोधन में गयी दूरसंचार कंपनियां अपने स्पेक्ट्रम बेच या नीलाम कर सकती हैं।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से उस दिन तक यह बताने को कहा कि क्या ऋणशोधन में गयी दूरसंचार कंपनियां- आर. कॉम, एयरसेल और वीडियोकॉन- अपने स्पेक्ट्रम को बेच सकती हैं या नीलाम कर सकती हैं?

सुनवाई के दौरान एयरसेल के वकील रवि कदम ने कहा कि बकाया राशि की अदायगी के लिए कंपनी अपने स्पेक्ट्रम और लाइसेंस को बेचेगी। इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने पूछा कि स्पेक्ट्रम और लाइसेंस को बेचने की अनुमति किसने दी? कंपनी के वकील ने एनसीएलटी का हवाला दे दिया।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने इसके बाद सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वह उन्हें सूचित करें कि एजीआर की रकम वसूली के लिए सरकार के पास क्या योजना है? और क्या स्पेक्ट्रम को आईबीसी के तहत बेचा जा सकता है?

गौरतलब है कि वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल और आरकॉम ने देनदारी चुकाने के लिए 10-15 साल के लंबे समय की मांग की है।
सुनवाई के दौरान न्यायालय श्री मेहता और टेलीकाम कंपनियों के रवैये से काफी नाराज लगे। न्यायमूर्ति मिश्रा ने श्री मेहता को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि सरकार की ओर से इस मामले में इतनी नरमीं क्यों बरती जा रही है? और अब तक सरकार को कितनी रकम मिली?

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