कागजों पर 200 बिस्तर का अस्पताल चलाने के आरोपी को न्यायालय ने भेजा जेल

कागजों पर 200 बिस्तर का अस्पताल चलाने के आरोपी को न्यायालय ने भेजा जेल

Newspoint24.com/newsdesk/


राजगढ़ । जिले के खिलचीपुर के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ने फर्जी तरीके से 200 बिस्तरों का अस्पताल प्रदर्शित करने के मामले के आरोपी कॉलेज संचालक अशोक नागर का जमानत आवेदन खारिज कर दिया। न्यायालय ने शुक्रवार को उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिये।

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी मथुरालाल ग्वाल ने बताया कि थाना खिलचीपुर में मां जालपा नर्सिंग कॉलेज खिलचीपुर को अनुचित तरीकों से संचालित करने के संबंध में अपराध दर्ज करने हेतु एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था। उक्त आवेदन की जांच के लिए एक जांच दल गठित किया गया था। जिनके अनुसार प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि डॉ.एन के सक्सेना बीएचओ स्थानीय कार्यालय राजगढ, डा. आर के पुष्पक, खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर दोषी हैं, जिनको साई नाथ अस्पताल एवं रिचर्स सेंटर का भ्रमण करके प्रतिवेदन देना था। जिन्होंने मौके पर ही बिना किसी भवन के ही साईंनाथ अस्पताल एण्ड रिसर्च सेंटर खिलचीपुर को पंजीयन हेतु अनुसंशा की । तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के के श्रीवास्तव द्वारा उक्त दल की अनुशंसा के आधार पर अस्पताल का पंजीयन जारी कर दिया गया था, जबकि धरातल पर ऐसा कोई भवन नहीं था।

डाक्टर .एन के सक्सेना बीएचओ स्थानीय कार्यालय राजगढ, डा. आर के पुष्पक, खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर, तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.के के श्रीवास्तव एवं डा. एन के वर्मा चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खिलचीपुर को दोषी पाया गया है। इसी के साथ साथ आवेदक तनवीर वारसी ब्यावरा द्वारा थाना खिलचीपुर में 200 बेड के फर्जी अस्पताल एवं माँ जालपा बीएससी नर्सिंग कॉलेज की अनुमति के लिए कूटरचित दस्तावेज पेश कर शासन को गुमराह करने का मामला दर्ज करने बावत् आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। आवेदन की जांच उपरांत अशोक कुमार नागर निवासी मंदसौर द्वारा श्री साईंनाथ अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के पंजीयन हेतु तथा माँ जालपा नर्सिंग कालेज की स्थापना हेतु फर्जी दस्तावेज पेश कर आवेदन मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिया था। जिसकी जांच उपरांत अशोक कुमार नागर भी दोषी पाया गया था।

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