आत्मनिर्भर भारत अभियान सफल बनाने के लिए सरकार भारतीय कंपनी की परिभाषा बदले: सीईएआई

आत्मनिर्भर भारत अभियान सफल बनाने के लिए सरकार भारतीय कंपनी की परिभाषा बदले: सीईएआई

Newspoint24.com/newsdesk / वार्ता /

नई दिल्ली। देश में परामर्शदाता इंजीनियरिंग पेशेवरों की सर्वोच्च संस्था कंसल्टिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीईएआई) ने सरकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर अभियान को सफल बनाने के लिए भारतीय कंपनी की परिभाषा में बदलाव करने का अनुरोध किया है।

सीईएआई के अध्यक्ष अमिताभ घोषाल ने बुधवार को कहा कि संस्था ने कंपनी अधिनियम में भारतीय कंपनी की परिभाषा फौरन बदलने की अपील की है। ताकि देश को ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाया जा सके।

सीईएआई के पूर्व अध्यक्ष एवं संस्था की बुनियादी ढांचा समिति के अध्यक्ष के. के. कपिला ने कहा, “कंपनी अधिनियम के अनुसार फिलहाल भारत में पंजीकृत और कर देने वाली किसी भी कंपनी को भारतीय कंपनी मान लिया जाता है। इस प्रावधान का फायदा उठाकर विदेशी कंपनियां स्वयं को भारत में पंजीकृत करा लेती हैं, कर चुकाती हैं और पूरा मुनाफा अपने देश ले जाती हैं। उनका सहयोगी कंपनी के तौर पर काम करना बुरा नहीं है मगर मौजूदा परिभाषा की वजह से उन कंपनियों को भी वे सारे फायदे मिल जाते हैं, जो भारतीय कंपनियों खासकर एमएसएमई के लिए होते हैं।”

श्री कपिला ने कहा, “मुंबई के परिवहन एवं बुनियादी ढांचा विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने हाल ही में 10 मोनोरेल रेक की डिजाइन, विनिर्माण, आपूर्ति, परीक्षण एवं आरंभ करने के लिए बोली की प्रक्रिया रद्द कर दी। क्योंकि उसे दो बोलियां ही मिलीं और दोनों चीनी कंपनियों से आई थीं, लेकिन ये विनिर्माता पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनियां स्थापित कर सकते हैं और मौजूदा परिभाषा के मुताबिक उन्हें ‘भारतीय कंपनी’ कहा जाएगा और वे बोली में दोबारा हिस्सा ले पाएंगी।”

उन्होंने कहा कि इसी वजह से भारतीय कंपनी की परिभाषा में फौरन तब्दीली करने की जरूरत है। यह बदलाव इस तरह का हो कि कंपनी को भारतीय दर्जा तभी मिले, जब उसकी कम से कम 51 फीसदी हिस्सेदारी किसी भारतीय नागरिक या भारतीय कंपनी के पास हो।

श्री कपिला ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत अभियान और उनकी संकल्पना वास्तव में तभी पूरी होगी। जब एमएसएमई समेत असली ‘भारतीय कंपनियां’ यानी ‘भारतीयों के स्वामित्व वाली कंपनियां’ विनिर्माण करेंगी, सेवाएं प्रदान करेंगी और सरकार द्वारा दिए जाने वाले तमाम फायदे हासिल करेंगी। एमएसएमई को दिए जाने वाले फायदे केवल और केवल ‘भारतीयों के स्वामित्व वाली कंपनियों’ को ही दिए जाने चाहिए, आज की परिभाषा और प्रावधानों के मुताबिक सभी भारतीय कंपनियों को नहीं।”

Share this story