सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है चीनी सीमा विवाद जिसका मकसद भारतीय पीएम पर दबाव बनाना है : राहुल
Newspoint24.com/newsdesk/
नयी दिल्ली़। वार्ता कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन के सीमा विवाद को सोची समझी रणनीति का हिस्सा बताते हुए कहा है कि उसका मकसद पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाना है इसलिए इसका करारा जवाब दिया जाना जरूरी है।
श्री गांधी ने सोमवार को यहां जारी एक वीडियो में कहा “आप सामरिक स्तर पर देखें, वह अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। चाहे गलवान हो, डेमचोक हो या फिर पैंगोंग झील, उसका इरादा अपनी स्थिति को मजबूत करना है। वह हमारे हाइवे से परेशान हैं। वह हमारे हाइवे को निरर्थक करना चाहता है और पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर में कुछ करने की सोच रहा है। इसलिए यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है। यह सुनियोजित सीमा विवाद है जिसका मकसद भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाना है।”
कांग्रेस नेता ने श्री मोदी पर भी हमला किया और चीन की रणनीति को लेकर जारी अपने वीडियो को पोस्ट करते हुए ट्वीट किया “सत्ता पाने के लिए प्रधानमंत्री ने एक मजबूत नेता होने की झूठी छवि बनायी और यह उनकी सबसे बड़ी ताकत भी बनी लेकिन यही शक्ति अब देश की सबसे बड़ी कमजोरी बन गयी है।”
उन्होंने कहा कि चीन बहुत सुनियोजित तरीके के काम कर रहा है। श्री मोदी ने सत्ता में आने के लिए जो छवि गढ़ी थी अब चीन उसी से फायदा उठाना चाहता है और एक रणनीति के तहत उनकी छवि पर ही हमला कर रहा है। उन्होंने कहा “वह एक खास तरीके से दबाव बनाने के बारे में सोच रहे हैं। वह उनकी छवि पर हमला कर रहा है। वह समझता है कि नरेन्द्र मोदी को प्रभावी राजनीतिज्ञ बनने के लिए, एक राजनीतिज्ञ के रूप में बने रहने के लिए उन्हें अपनी 56 इंच वाली छवि की रक्षा करना जरूरी होगा।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि चीन समझ गया है कि उसे कहां हमला करना है और इसके लिए वह जानता है कि यही वह असली जगह है जहां उसे निशाना बनाना चाहिए। उन्होंने कहा “ वे मूलतः श्री मोदी को कह रहे हैं कि यदि आप वह नहीं करेंगे जो चीन चाहता है तो वे आपकी मजबूत नेता वाली छवि को ध्वस्त कर देंगे। अब प्रश्न उठता है श्री मोदी क्या प्रतिक्रिया देंगे।”
श्री गांधी ने कहा कि अब श्री मोदी पर निर्भर है कि वह किस तरह से चीन की आक्रामता का जवाब देते हैं। देखना यह है कि क्या वह उसका सामना करेंगे या उसकी चुनौती स्वीकार कर करेंगे और कहेंगे “बिल्कुल नहीं, मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं, मैं अपनी छवि की चिंता नहीं करता। मैं तुम्हारा मुकाबला करूंगा या वो उनके सामने हथियार डाल देंगे।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि चिंता यह है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं। चिंता है कि चीनी हमारे इलाके में बैठे हैं और प्रधानमंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि वह नहीं बैठे। इससे लगता है कि प्रधानमंत्री अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं और अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं। अब यदि वह चीनियों को यह समझने का मौका देते हैं कि छवि की चिंता में उन्हें चंगुल में लिया जा सकता है तो हमारे प्रधानमंत्री देश के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे।
PM fabricated a fake strongman image to come to power. It was his biggest strength.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 20, 2020
It is now India’s biggest weakness. pic.twitter.com/ifAplkFpVv
उन्होंने कहा कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं और यह भी समझ लेना चाहिए कि चीनी बगैर रणनीतिक सोच के, कोई कदम नहीं उठाते। उन्होंने दिमाग में संसार का नक्शा खींचा हुआ है जिसे वो अपने हिसाब से आकार देने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक पैमाना है जो वह कर रहे हैं, उसी के तहत ग्वादर है, उसी में बेल्ट एंड रोड आता है। यह दरअसल इस धरती की पुनर्रचना करने का प्रयास है। इसलिए जब आप चीनियों के बारे में सोचें, आपको यह समझना होगा कि वह किस स्तर पर सोच रहे हैं।
गांधी ने कहा कि अब श्री मोदी पर निर्भर है कि वह किस तरह से चीन की आक्रामता का जवाब देते हैं। देखना यह है कि क्या वह उसका सामना करेंगे या उसकी चुनौती स्वीकार कर करेंगे और कहेंगे “बिल्कुल नहीं, मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं, मैं अपनी छवि की चिंता नहीं करता। मैं तुम्हारा मुकाबला करूंगा या वो उनके सामने हथियार डाल देंगे।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि चिंता यह है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं। चिंता है कि चीनी हमारे इलाके में बैठे हैं और प्रधानमंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि वह नहीं बैठे। इससे लगता है कि प्रधानमंत्री अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं और अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं। अब यदि वह चीनियों को यह समझने का मौका देते हैं कि छवि की चिंता में उन्हें चंगुल में लिया जा सकता है तो हमारे प्रधानमंत्री देश के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे।
उन्होंने कहा कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं और यह भी समझ लेना चाहिए कि चीनी बगैर रणनीतिक सोच के, कोई कदम नहीं उठाते। उन्होंने दिमाग में संसार का नक्शा खींचा हुआ है जिसे वो अपने हिसाब से आकार देने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक पैमाना है जो वह कर रहे हैं, उसी के तहत ग्वादर है, उसी में बेल्ट एंड रोड आता है। यह दरअसल इस धरती की पुनर्रचना करने का प्रयास है। इसलिए जब आप चीनियों के बारे में सोचें, आपको यह समझना होगा कि वह किस स्तर पर सोच रहे हैं।