स्कॉडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया ने ‘India Made’ पांच लाख वीं कार का किया Export

स्कॉडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया ने ‘India Made’ पांच लाख वीं कार का किया Export
स्कॉडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया ने ‘India Made’ पांच लाख वीं कार का किया Export
Newspoint24.com/newsdesk/

नयी दिल्ली । यात्री वाहन बनाने वाली कंपनी स्कॉडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भारत में बनी अपनी 500,000वीं कार के निर्यात के साथ एक और उपलब्धि हासिल की है।

कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सफेद रंग के फोक्सवैगन वेंटो कार (लेफ्ट हैंड ड्राइव) ने कंपनी को इस ऐतिहासिक उपलब्धि का अवसर प्रदान किया है, जो मुंबई के बंदरगाह से मेक्सिको को निर्यात किए जाने वाले 982 कारों के शिपमेंट का हिस्सा है। मौजूदा वर्ष के दौरान कंपनी ने 25,000 से अधिक कारों का निर्यात किया है, और इस तरह कंपनी ने दुनिया भर में मांग में गिरावट की परिस्थितियों के बावजूद निर्यात में अपने प्रदर्शन को जारी रखा है।

इस मौके पर कंपनी के प्रबंध निदेशक गुरप्रताप बोपाराय ने कहा “निर्यात हमारी रणनीति का बेहद अहम हिस्सा है और पांच लाख कारों के निर्यात के आंकड़े तक पहुंचना, वाकई कंपनी के लिए बेहद महत्वपूर्ण उपलब्धि है। स्कॉडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया के निर्माण केंद्रों पर बनाई जाने वाली कारें इस बात का उदाहरण हैं कि, हम विश्व स्तर पर और भारत में उच्च गुणवत्ता के मानकों का पालन करते हैं। यह उपलब्धि हमारे लिए काफी मायने रखती है, क्योंकि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद हमने वाहनों का निर्यात जारी रखा है। अगले कुछ वर्षों में, हम नए प्लेटफॉर्म पर आधारित कारों का निर्माण करेंगे जिसके अधिकतर हिस्सों को स्थानीय स्तर पर तैयार किया जाएगा, साथ ही हम इंडिया 2.0 के प्रोडक्ट्स के लिए निर्यात बाजारों की तलाश जारी रखेंगे।”

वर्ष 2010 में कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका के बाजार के लिए भारत में निर्मित फोक्सवैगन वेंटो की 65 कारों के साथ अपने निर्यात की शुरुआत की थी। इसके बाद से कंपनी ने 61 देशों में ‘मेड इन इंडिया’ कारों की मौजूदगी को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास जारी रखा है, जिसमें दक्षिण-अमेरिका, मध्य-अमेरिका, अफ्रीका, भारतीय उप-महाद्वीप, दक्षिण-पूर्व एशिया, जीसीसी के देश और कैरेबियन क्षेत्र शामिल हैं। यह निर्यात कंपनी को घरेलू बाजार तथा निर्यात बाजारों के बीच बेहतर हिस्सेदारी के साथ उत्पादन की मात्रा के प्रबंधन में मददगार साबित हुआ है और इस तरह कंपनी के हितों के साथ-साथ श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है तथा क्षेत्रीय स्तर पर मांग की अस्थिरता से निपटने में भी मदद मिली है।

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