सरोद-पोर्ट्स’ समुद्री क्षेत्र के विवादों के लिए एक मुफीद समाधान तंत्र -मनसुख मंडाविया

सरोद-पोर्ट्स’ समुद्री क्षेत्र के विवादों के लिए एक मुफीद समाधान तंत्र -मनसुख मंडाविया

Newspoint24.com/newsdesk/

सरोद-पोर्ट्स’ समुद्री क्षेत्र के विवादों के लिए एक मुफीद समाधान तंत्र -मनसुख मंडाविया 
नई दिल्ली। केंद्रीय नौवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडाविया ने आज नई दिल्ली में वर्चुअल समारोह के माध्यम से सरोद-पोर्ट्स (सोसाइटी फॉर अफोर्डेबल रिड्रेसल ऑफ डिस्प्यूट्स (विवादों के किफायती समाधान के लिए समिति) – पोर्ट्स) की शुरुआत की। लॉन्च के अवसर पर मनसुख मंडाविया ने सरोद – पोर्ट्स को गेम चेंजर का नाम दिया और कहा कि यह भारत के पोर्ट सेक्टर में उम्मीद, विश्वास और न्याय का महत्वपूर्ण तंत्र बन जाएगा। मंडाविया ने कहा कि सरोद – पोर्ट्स से खर्च और समय की बचत होगी ही साथ में निष्पक्ष और न्यायपूर्ण तरीके से विवादों का हल भी होगा। 


इस मौके पर पोत परिवहन मंत्रालय के सचिव डॉ संजीव रंजन ने कहा कि आने वाले दिनों में सभी प्रमुख बंदरगाह लैंडलॉर्ड मॉडल’ को अपनाएंगे। कई रियायत प्राप्तकर्ता बड़े पोर्ट के साथ काम करेंगे। सरोद – पोर्ट्स निजी कंपनियों में आत्मविश्वास जगाएंगे और हमारे भागीदारों के लिए सही तरह का वातावरण सुनिश्चित करेंगे। तेज, समय पर, लागत प्रभावी और मजबूत विवाद समाधान तंत्र होने की वजह से यह समुद्री क्षेत्र में ‘कारोबार में आसानी’ को बढ़ावा देगा। 


सरोद – पोर्ट्स समुद्री क्षेत्र में मध्यस्थों के माध्यम से विवादों के निपटारे में सलाह और सहायता प्रदान करेंगे, जिनमें प्रमुख बंदरगाह और निजी बंदरगाह, जेटी, टर्मिनल, गैर-प्रमुख बंदरगाह, पोर्ट और शिपिंग क्षेत्र शामिल हैं। यह प्राधिकरण और लाइसेंसधारी / रियायत प्राप्तकर्ता / ठेकेदार देने के बीच के विवादों को भी कवर करेगा और विभिन्न अनुबंधों के निष्पादन के दौरान लाइसेंसधारी / रियायत प्राप्तकर्ता और उनके ठेकेदारों के बीच होने वाले विवाद भी इसमें शामिल होंगे। सरोद – पोर्ट्स के प्रावधान राजमार्ग क्षेत्र में एनएचएआई द्वारा गठित सरोद – रोड्स के समान हैं। 

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