एमएसएमई इकाइयों को 15,000 करोड़ रुपये का ऋण देंगे : सहगल

एमएसएमई इकाइयों को 15,000 करोड़ रुपये का ऋण देंगे : सहगल

Newspoint24.com/newsdesk/


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि एमएसएमई इकाइयों को 15,000 करोड़ रुपये ऋण वितरण का लक्ष्य है जिसे हासिल करने में बैंकर्स की अहम भूूमिका होगी।
रिजर्व बैंक आफ इण्डिया द्वारा आयोजित एमएसएमई इकाइयों को ऋण उपलब्धता, पोस्ट कोविड की स्थितियों और ऋण वितरण के तरीकों को आसान बनाने के लिये आयोजित वेबिनार को सम्बोधित करते हुये उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन होने से लेकर अब तक 80 प्रतिशत इकाइयां 80 से 100 फीसदी तक क्षमता के साथ उत्पादनरत हैं। शेष इकाइयों को शीघ्र शुरू कराने का प्रयास किये जा रहे हैं।


डा सहगल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम से प्रदेश की अधिक से अधिक एमएसएमई इकाइयों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। बैंको को इसमें पूरा सहयोग प्रदान करना चाहिए। अन्य प्रदेशों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों की ग्रोथ ओवरआल अच्छी है।
उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में क्लस्टर चिन्हित किये जा चुके हैं। एसएलबीसी से जुड़े प्रत्येक बैंक को एक या दो ओडीओपी उत्पाद को चुनकर उन्हें ऋण देने उपलब्ध कराने के सार्थक प्रयास करने चाहिए।


अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कई एमएसएमई इकाइयां कतिपय कारणों से आत्मानिर्भर भारत पैकेज के तहत क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लेने से वंचित हैं। ऐसी इकाइयों की सूची उपलब्ध कराई जाय, ताकि उनसे संवाद कर उनकी समस्याओं और जिज्ञासाओं का समाधान कर उनको इस योजना से लाभान्वित किया जा सके। चर्चा के दौरान एमएसएमई इकाइयों को ऋण प्रदान करने की गति को तीव्र करने और नियमों को आसान बनाने के लिए प्रत्येक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति विशेष तौर पर अपेक्षा की।
उन्होंने कहा कि उद्यमियों को दिये जाने वाला उचित और त्वरित ऋण एनपीए को कम करने में भी मदद करेगा। इस कदम से यह भी सुनिश्चित होगा कि जरूरतमंद इकाई को बिना किसी परेशानी के ऋण मिल जाएगा। उन्होंने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एसएलबीसी की सुविधा के लिये ओडीओपी सेल स्थापित करने का आश्वासन भी दिया।

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