राजस्थान : विधायकों की कथित ‘ डील ‘ के बयान के बाद भाजपाअध्यक्ष पूनिया के खिलाफ घेराबंदी , लोढ़ा लाये विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

राजस्थान : विधायकों की कथित ‘ डील ‘ के बयान के बाद भाजपाअध्यक्ष  पूनिया के खिलाफ घेराबंदी , लोढ़ा लाये विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

Newspoint24.com/newsdesk/

जयपुर। राज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजस्थान की राजनीती में गर्माहट बनी हुई है। नये घटनाक्रम में बीजेपी प्रेसिडेंट सतीश पूनिया के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया गया है। प्रस्ताव निर्दलीय विधायक संयम लोढा की और से लाया गया है।

गौरतलब है की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने कल आरोप लगाया था कि कांग्रेस सरकार ने निर्दलीय और दूसरे दलों के 23 विधायकों को वोट के बदले रिश्वत देने का ऑफर दिया है इसी कड़ी में इन विधायकों को खदान और रीको इंडस्ट्रियल एरिया में प्लाट दिए गये हैं उनके पास इस बात का सबूत भी है ,जिसे वे बतायेंगे। पुनिया के इस बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में उबाल आ गया । निर्दलीय विधायक संयम लोढा ने आज सतीश पुनिया विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा सचिव प्रमिल कुमार माथुर को सौंपा । प्रस्ताव राजस्थान विधानसभा के कार्य संचालन और प्रक्रिया के नियम 157, 158 और 159 के तहत अंतर्गत दिया गया है । पूनियां ने कल अपने बयान में कहा था कि विधायकों की दस दिन बाड़ाबंदी के दौरान डील हुई । किस विधायक से क्या—क्या डील हुई, इसके भी सबूत हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने 23 लोगों को आइडेंटिफाई किया। इन्हीं 23 लोगों को खदान और रीको के प्लॉट आवंटित हुए। किन विधायकों से कैश लेनदेन हुआ , यह भी पता लग जाएगा। उन्होंने कहा कि सीएम अपनी नाकामी, भ्रष्टाचार और गलतियां छिपाने के लिए भाजपा पर आरोप मंढ़ते हैं।

निर्दलीय विधायक संयम लोढा के मुताबिक भाजपा विधायक और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने यह आरोप लगाया था कि 23 विधायकों को खान और रीको के प्लाट आवंटित किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि इसके प्रमाण है। पूनिया के आरोप निराधार है। उनके इस आचरण से राजस्थान विधानसभा की गरिमा निराधार है, विधायकों की छवि खराब की है। इसलिए पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया गया है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था। इसमें कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी तथा भाजपा के राजेन्द्र गहलोत जीते थे। कुल 200 में से 198 विधायकों ने वोट डाले थे। दो विधायक भंवरलाल मेघवाल और माकपा के गिरधारीलाल बीमार होने के कारण वोट नहीं डाल पाए थे।

Share this story