राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने पर लगी रोक हटाई

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने पर लगी रोक हटाई

Newspoint24.com/newsdesk/


जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने पर लगी रोक को हटा दिया है। इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिकाओं को सारहीन मानते हुए निस्तारित कर दिया है। न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश सुरज्ञान सिंह और भाग्य श्री व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी और आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता एमएफ बेग ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि पूर्व में आरएएस भर्ती नियम, 1999 के नियम 15 के तहत विज्ञापित पदों के पन्द्रह गुणा अभ्यर्थियों को वर्गवार मुख्य परीक्षा में बुलाया जाता था। वहीं अब राज्य सरकार ने नियम में संशोधन कर अब मेरिट के आधार पर पन्द्रह गुणा अभ्यर्थियों को बुलाने का प्रावधान किया है। इसमें यदि किसी आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार कम आते हैं तो उनको पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए नियम में ढ़ील दी जा सकेगी। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि संशोधित नियम को वर्ष 2013 से लागू किया गया है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं का विवाद तय हो गया है। इसलिए परीणाम जारी करने पर लगी रोक को हटा दिया जाए। गौरतलब है कि आरएएस व अधीनस्थ सेवा के एक हजार से अधिक पदों के लिए आयोजित प्रारम्भिक परीक्षा में सामान्य वर्ग की कट ऑफ करीब 76 और ओबीसी की कट ऑफ करीब 99 रही थी। आयोग ने सामान्य वर्ग से अधिक, लेकिन ओसीबी कट ऑफ से कम अंक लाने वाले ओबीसी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया था। जिसे चुनौती देने पर हाईकोर्ट ने एक दिसंबर 2018 को याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में शामिल करते हुए परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी।

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