एक्सप्रेस वे पर ही रोका राहुल-प्रियंका की गाड़ी को, पैदल ही निकले सौ किमी दूर हाथरस के लिए

एक्सप्रेस वे पर ही रोका राहुल-प्रियंका की गाड़ी को, पैदल ही निकले सौ किमी दूर हाथरस के लिए

Newspoint24.com/newsdesk/


नोएडा । हाथरस गैंगरेप कांड ने देश को एक बार फिर हिला कर रख दिया है जहां योगी सरकार ने जांच का भरोसा दिया है लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस के लिए रवाना हो गए हैं। गुरुवार को सुबह से दिल्ली के डीएनडी पर इस बात की अफवाह थी कि उन्हें डीएनडी बॉर्डर पार नहीं करने दिया जाएगा। लेकिन, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के अन्य नेता डीएनडी बॉर्डर को पार कर हाथरस के लिए रवाना हो गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का काफिला ग्रेटर नोएडा में रोक दिया गया। दोनों नेता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ पैदल ही चल पड़े हैं। कांग्रेस नेता पैदल मार्च करते हुए हाथरस की ओर बढ़ रहे हैं।

डीएनडी बॉर्डर पर सुबह से ही पुलिस का पहरा बना हुआ था। और इस बात की अटकलें लगाई जा रही थी उन्हें यूपी में एंट्री नहीं मिलेंगी।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जिस गाड़ी में मौजूद थे , उस वाहन को ताज एक्सप्रेसवे पर जाने दिया गया । उनके साथ अन्य कार्यकर्ताओं की भीड़ भी है , उसे भी आगे नहीं जाने दिया गया।

कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा, हम हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने जा रहें हैं और न्याय दिलाने के लिए किसी की परमिशन नहीं चाहिए होती है।

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दरअसल सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता का शिकार हुई 20 साल की पीड़िता की इलाज के दौरान मौत और उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से रात के अंधेरे में परिवार की मौजूदगी के बिना अंतिम संस्कार किए जाने पर पूरे देश में आक्रोश है। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता सड़को पर उतर आएं हैं और सरकार विरोधी नारे लगा रहें हैं।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हैवानियत की शिकार लड़की के परिजनों से मिलने जा रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के काफिले को पुलिस ने परी चौक क्षेत्र में रोक लिया जिसके बाद दोनो नेता पैदल ही हाथरस के लिये चल पड़े।
हाथरस में सामूहिक बलात्कार और हैवानियत की शिकार पीड़िता की मंगलवार को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी जिसके बाद हाथरस जिला प्रशासन ने परिजनो के विरोध के बावजूद उसका अंतिम संस्कार बुधवार बीच रात करीब ढाई बजे कर दिया था।


कांग्रेस ने घटना का कड़ा विरोध जताते हुये बुधवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन किया था और श्रीमती वाड्रा ने फोन पर पीड़िता के परिजनों से बात की थी। इसी कड़ी में गुरूवार को प्रियंका और राहुल काफिले के साथ हाथरस में पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिये निकले लेकिन उनके काफिले को ग्रेटर नोएडा पुलिस ने रोक लिया, जिसके बाद वे पैदल ही हाथरस के लिये निकल गये।
पार्टी के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने बताया कि प्रियंका और राहुल हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मुलाकात करने जा रहे थे कि पुलिस ने उनके काफिले को परी चौक इलाके में रोक लिया। यमुना एक्सप्रेस वे पर रोके जाने के बाद प्रियंका और राहुल पैदल ही हाथरस के लिये रवाना हो गये। हालांकि वहां से हाथरस की दूरी करीब 142 किमी है।
काफिले में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता चिलचिलाती धूप में साथ चल रहे हैं। कार्यकर्ताओं को रोकने के प्रयास में पुलिस से मामूली झडप भी हुयी लेकिन काफिला आगे बढ़ गया है।

श्रीमती वाड्रा ने पत्रकारों से कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है । लड़कियों और महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है लेकिन संवेदनहीन योगी सरकार आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
इससे पहले श्रीमती वाड्रा ने पीड़िता के पिता के बयान से सबंधित वीडियो के साथ ट्वीट किया “ हाथरस की बेटी के पिता का बयान सुनिए। उन्हें जबरदस्ती ले जाया गया। सीएम से वीसी के नाम पर बस दबाव डाला गया। वो जांच की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। अभी पूरे परिवार को नजरबंद रखा है। बात करने पर मना है। क्या धमकाकर उन्हें चुप कराना चाहती है सरकार। अन्याय पर अन्याय हो रहा है।”
उन्होने एक अन्य ट्वीट में कहा “हाथरस जैसी वीभत्स घटना बलरामपुर में घटी। लड़की का बलात्कार कर पैर और कमर तोड़ दी गई। आजमगढ़, बागपत, बुलंदशहर में बच्चियों से दरिंदगी हुई। यूपी में फैले जंगलराज की हद नहीं। मार्केटिंग, भाषणों से कानून व्यवस्था नहीं चलती। ये मुख्यमंत्री की जवाबदेही का वक्त है। जनता को जवाब चाहिए।”

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