पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग से शुक्रवार को रेल महासेतु का करेंगे उद्द्घाटन

पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग से शुक्रवार को रेल महासेतु का करेंगे उद्द्घाटन

Newspoint24.com/newsdesk/

सुपौल लगभग 86 साल से दो भागों में बटी मिथिला को एक बार फिर रेल के माध्यम से जोड़ने का काम किया जा रहा है। कोसी महासेतु सहित सरायगढ़ से आसनपुर कुपहा रेलखंड का उद्घाटन 18 सितंबर को होगा। रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोसी महासेतु का उद्घाटन करेंगे। साथ ही सरायगढ़ से आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन भी रवाना की जायेगी। बताते चलें कि कोसी महासेतु रेल पुल पर ट्रेनों के परिचालन को लेकर मुख्य सीआरएस शैलेश कुमार पाठक ने पहले ही मंजूरी दे दी है।

कोसी महासेतु पुल पर 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकेगी। वहीं पुल के बाहर गति सीमा 100 किमी प्रति घंटे रखी गयी है। शनिवार को इस रेलखंड पर डेमू ट्रेन का परिचालन कर ट्रायल भी समस्तीपुर रेल मंडल की ओर से लिया गया था। मालूम हो कि 1.9 किमी लंबे नये कोसी महासेतु सहित 22 किमी लंबे निर्मली-सरायगढ़ रेलखंड का निर्माण 2003-04 में 323.41 करोड़ की लागत से स्वीकृत किया गया था। इसके उपरांत 6 जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शिलान्यास किया था।

परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 516.02 करोड़ है। वर्तमान पुल का निर्माण निर्मली एवं सरायगढ़ के बीच किया गया है। निर्मली जहां दरभंगा-सकरी-झंझारपुर मीटर गेज लाइन पर अवस्थित एक टर्मिनल स्टेशन था, वहीं सरायगढ़, सहरसा और फारबिसगंज मीटर गेज रेलखंड पर अवस्थित था। 1887 में बंगाल नॉर्थ-वेस्ट रेलवे ने निर्मली और सरायगढ़ (भपटियाही) के बीच एक मीटर गेज रेल लाइन का निर्माण किया था। उस समय कोसी नदी का बहाव इन दोनों स्टेशनों के मध्य नहीं था। उस समय कोसी की एक सहायक नदी तिलयुगा इन स्टेशनों के मध्य बहती थी। उसके ऊपर लगभग 250 फुट लंबा एक पुल था। निर्मली से सरायगढ़ तक का रेल सफर वर्तमान मेंदरभंगा-समस्तीपुर-खगड़िया-मानसी-सहरसा होते हुए 298 किलोमीटर का है। इस पुल के निर्माण से यह 298 किमी की दूरी मात्र 22 किमी में सिमट गई है।

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