पांच अगस्त को काशी में दीवाली और रामनवमी का दिखेगा नजारा, दशाश्वमेध घाट पर 5100 दीप जलेंगे

पांच अगस्त को काशी में दीवाली और रामनवमी का दिखेगा नजारा, दशाश्वमेध घाट पर 5100 दीप जलेंगे

Newspoint24.com/newsdesk/


पांच अगस्त को काशी में दीवाली और रामनवमी का दिखेगा नजारा, दशाश्वमेध घाट पर 5100 दीप जलेंगे

मंदिरों और घरों में घी के दीये जलाने के साथ मानस पाठ भी,भूमि पूजन कार्यक्रम को देखने के लिए लोग लालायित

वाराणसी । अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी में भी चहुंओर उल्लास का माहौल है।

कोविड-19 को लेकर तमाम दुश्वारियों को झेल रहे नागरिक, मठ मंदिरों के महंत भी इस दिन को खास बनाने के लिए तैयारियों में जुट गये है। पांच अगस्त को पूरे काशी में देव दीपावली और रामनवमी सरीखा माहौल बनाने के लिए भाजपा, विहिप कार्यकर्ताओं के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी जिले के उत्तर और दक्षिण भाग के स्वयंसेवक लोगों से सोशल मीडिया के सहारे जुटे हुए हैं।

रविवार शाम शिवाराधना समिति के संस्थापक अध्यक्ष डा.मृदुल मिश्र ने बताया कि जगतगंज और आसपास के घरों और मंदिरों में लोगों से घी के दिये जलाने का आह्वान सोशल मीडिया के जरिये किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि जिला प्रशासन से अनुमति मिली तो समिति के सदस्य क्षेत्र में हरे राम संकीर्तन करेंगे।

बताते चले काशी में वर्षो से समिति भोर में ओम नम: शिवाय प्रभातफेरी निकालती चली आ रही हैं। भोर में स​मिति के प्रभातभेरी में काशी आने वाले श्रद्धालु भी शिरकत करते हैं। उधर, गंगा सेवा निधि की ओर से भी पांच अगस्त को दशाश्वमेध घाट पर 5100 दीप जलाया जायेगा।

निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र और पदाधिकारी आशीष तिवारी ने बताया कि 5 अगस्त को घाट पर दीपोत्सव मनाने की तैयारी पूरी हो गई है। कुछ अन्य संस्थाओं से जुड़े भक्त और संत भी लोगों से घर में दीप जलाने की अपील कर रहे हैं। घरों में भी लोग भूमि पूजन के कार्यक्रम का प्रसारण देखने के लिए इंतजाम में जुट गये है। अंधाधुंध विद्युत कटौती को देख लोग विकल्प की तलाश में बैटरी की व्यवस्था में लगे हुए है।

अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन में वाराणसी से चौरसिया समाज 5 चांदी का पान भेजने की तैयारी कर रहा है। मान्यता अनुसार सभी देवी देवता के किसी भी पूजा अनुष्ठान, पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन में पान का विशेष महत्व होता है।

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