नीतीश ने सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली,तार किशोर प्रसाद एवं रेणु देवी डिप्टी सीएम बने

नीतीश ने सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली,तार किशोर प्रसाद एवं रेणु देवी डिप्टी सीएम बने
नीतीश ने सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली,तार किशोर प्रसाद एवं रेणु देवी डिप्टी सीएम बने

पटना। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेता नीतीश कुमार ने आज सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली ।

श्री कुमार को राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री कुमार के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता तार किशोर प्रसाद एवं रेणु देवी तथा जदयू के विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, अशोक चौधरी और मेवालाल चौधरी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।

बिहार में नीतीश कुमार ने 7वीं बार सीएम पद की शपथ ली । राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नीतीश कुमार के साथ कुछ मंत्रियों ने भी शपथ ली ।

इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे. कांग्रेस और आरजेडी ने शपथग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।

नीतीश कुमार के साथ-साथ राज्यपाल फागू चौहान ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। गौरतलब कि बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद कटिहार से विधायक चुने गए हैं जबकि रेणु देवी बेतिया विधानसभा सीट से चुनाव जीती हैं।


इसके अलावा जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली है। विजेंद्र यादव, मेवालाल चौधरी और शीला मंडल ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। जेडीयू कोटे से 5 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। हम कोटे से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंत्री पद की शपथ ली है ।

वीआईपी के कोटे से पार्टी चीफ मुकेश सहनी ने मंत्री पद की शपथ ले ली है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी के मंगल पांडे और अमरेंद्र प्रताप सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ली है ।
शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के दो नेताओं ने मैथिली भाषा में मंत्री पद की शपथ ली। बीजेपी के जीवेश मिश्रा और रामप्रीत पासवान ने मैथिली भाषा में शपथ ली है। इसके अलावा बीजेपी के राम सूरत राय ने भी मंत्री पद की शपथ ले ली है।

6 बार बिहार के सीएम पद की शपथ ले चुके हैं नीतीश

नीतीश कुमार 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री चुने गए हैं। पहली बार 3 मार्च 2000 को वह मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए थे लेकिन बहुमत साबित ना कर पाने के कारण केवल 7 दिनों में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन जब 2005 में लालू यादव के पंद्रह वर्ष से चले आ रहे एकाधिकार को समाप्त कर नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन को बिहार विधानसभा चुनाव में जीत दिलवाई तब उन्हें ही प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया। उन्होंने अपना यह कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया। मुख्यमंत्री के रूप में उनका तीसरा कार्यकाल 26 नवंबर, 2010 से 20 मई 2014 तक चला। जिसके बाद जीतन राम मांझी ने सत्ता संभाली।

22 फरवरी 2015 को नीतीश कुमार ने चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यानी बिहार की 15वीं विधानसभा में तीन बार सीएम पद की शपथ दिलाई गई, पहले नीतीश कुमार को फिर जीतन राम मांझी को और फिर वापस नीतीश कुमार को। नीतीश कुमार का चौथा कार्यकाल 22 फरवरी से 20 नवंबर 2015 तक चला। 16वीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों के बाद नीतीश कुमार ने पांचवी बार सीएम पद की शपथ ली।

नीतीश कुमार का पांचवा कार्यकाल 20 नवंबर 2015 से लेकर 26 जुलाई 2017 तक चला। 26 जुलाई 2017 को उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 27 जुलाई 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के 24 घंटे के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी और एनडीए के समर्थन से बिहार के 6वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।

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