नेपाली संसद ने पास किया नया नक्शा उत्तराखंड के लिपुलेख, कालापानी एवं धारचुला को नेपाल का हिस्सा बताया ,नाखुशी जताई भारत ने
Newspoint24.com/newsdesk/वार्ता/
काठमांडू। नेपाल की संसद द्वारा उत्तराखंड के लिपुलेख, कालापानी एवं धारचुला को नेपाल का हिस्सा प्रदर्शित करने वाले देश के नये मानचित्र को मंजूरी दिये दी गई है ,जिसके बाद भारत सरकार ने नाखुशी जताई और कहा कि नेपाल का तथ्यहीन और अप्रमाणिक दावा टिक नहीं सकता।
Parliament of Nepal approves map of Nepal including Kalapani, Lipulekh and Limpiyadhura
— Nepal (@_barcafan) June 13, 2020
Congratulations all the Nepalese pic.twitter.com/59lficEAyM
नेपाल की संसद के निचले सदन ने देश के नये नक्शे को लेकर पेश किए गए संशोधन विधेयक को शनिवार को मंजूरी दे दी। नक्शे में तीन भारतीय क्षेत्र लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है।
वोटिंग के दौरान संसद में विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी- नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन किया।
नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी समेत देश के विपक्षी दलों ने विधेयक के समर्थन में वोट दिया। स्पीकर अग्नि सपकोटा ने मतदान के लिए सदन में मौजूद सांसदों के दो तिहाई से अधिक बहुमत से विधेयक को मंजूरी दिये जाने की घोषणा की। अब इस विधेयक को राष्ट्रीय संसद से समर्थन और राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता है।
इससे पहले नेपाल मंत्रिमंडल ने गत 20 मई को एक नया प्रशासनिक नक्शा जारी किया था जिसमें तीन भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया था।
#Nepal Parliament on Saturday unanimously passed a Constitution Amendment Bill putting #Kalapani, #Limpiyadhura and #lipulekh in its official map. @PM_Nepal @PradeepgyawaliK @mkoirala @ashoswai @Geeta_Mohan
— गोर्खाली ठिटो ?? (@Proud_Nepalese) June 13, 2020
Congratulation for all Nepalese ??? .
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि हमने देखा है कि नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने नेपाल के मानचित्र में बदलाव के लिए आज एक संविधान संशोधन विधेयक पारित किया है जिसमें भारत के हिस्से को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि नेपाल के ये कृत्रिम दावे ऐतिहासिक तथ्यों एवं प्रमाण पर आधारित नहीं है और इसलिए उसके दावे टिक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह सीमा मसले को सुलझाने के लिए बातचीत के वास्ते दोनों देशों के बीच वर्तमान में कायम समझ का भी उल्लंघन है।
U must watch this .u can see what did he said in his speech.He vividly asked to gov nepal,creating new map and implementing this new map won't bring nepalese three controversial territories.These territories are still in the hand of indian gov ,so try to talk them diplomatically pic.twitter.com/WnxzSodoTj
— Ramesh chaudhary (@rc5230085) June 13, 2020