पोकरण में देशी हॉवित्जर तोप की बैरल फटी, तीन विशेषज्ञ घायल

पोकरण में देशी हॉवित्जर तोप की बैरल फटी, तीन विशेषज्ञ घायल

Newspoint24.com/newsdesk/सतीश हेड़ायू/


पोकरण फायरिंग रेंज में इन दिनों चल रहा है हॉवित्जर तोप का परीक्षण
घटना के बाद गहन पड़ताल में गोलों की गुणवत्ता की हो रही है जांच


जोधपुर । पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित जैसलमेर जिले की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में सोमवार को देशी हॉवित्जर तोप का परीक्षण करते समय हादसा हो गया। एक तोप का बैरल फटने से तीन विशेषज्ञ घायल हो गए। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत में सुधार बताया जा रहा है। यह हादसा किस कंपनी की बैरल फटने से हुआ यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। माना जाता है कि गुणवत्ता के मानक दंड पर खरा नहीं होने पर ऐसे हादसे होते हैं। इन दिनों यहां अलग-अलग कंपनियों की हॉवित्जर तोप का परीक्षण चल रहा है।

सैन्य सूत्रों के अनुसार वर्तमान में पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में देश में ही निर्मित दो कंपनियों की 155 एमएम हॉवित्जर तोप का परीक्षण चल रहा है। यह परीक्षण निजी कंपनी सहित डीआरडीओ व सैन्य विशेषज्ञों की देखरेख में किया जा रहा है। परीक्षण के दौरान तोप से गोला दागते ही बैरल फट गई और इसके पास में खड़े तीन विशेषज्ञ घायल हो गए। पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में पिछले 3-4 दिनों से तोप का परीक्षण चल रहा है।यहां देश में निर्मित 155 एमएम और 52 कैलीबर के होवित्जर टाउड तोपों को विभिन्न मानकों पर जांचा परखा जा रहा है।

परमाणु परीक्षण के बाद फायरिंग रेंज आई चर्चा में
तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में परमाणु परीक्षण के दौरान यह फायरिंग रेंज चर्चा में आई थी। इसके बाद दुनिया भर में इस फायरिंग रेंज की चर्चा हुई थी। पोकरण की इस रेंज में सेना अपने नए हथियारों का परीक्षण व युद्धाभ्यास करती रहती है। इन परीक्षणों के दौरान कई बार हादसे हो जाते है। पूर्व में अमेरिका से खरीदी गई एम 777 का भी परीक्षण करते समय एक बार बैरल फट गई थी।

गोलों की गुणवत्ता सही नहीं होने पर होते हैं हादसे
सैन्य सूत्रों के मुताबिक बाद में यह माना गया कि परीक्षण किये जा रहे तोप के गोलों की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी। विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार गोलों की गुणवत्ता तय मानकों के अनुरूप नहीं होने के कारण बैरल में दबाव बढ़ने के साथ गोला इसके अंदर ही फट जाता है। फिलहाल सैन्य अधिकारी एवं विशेषज्ञ आज की घटना के संबंध में गहन पड़ताल कर रहे हैं और गोलों की गुणवत्ता को जांचा जा रहा है।

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