शिक्षण संस्थानों की बहुभाषी सोच करेगी छात्रों का परिपूर्ण विकास: निशंक

शिक्षण संस्थानों की बहुभाषी सोच करेगी छात्रों का परिपूर्ण विकास: निशंक

Newspoint24.com/newsdesk/

नई दिल्ली । केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के द्वारा शिवपुर स्थित भारतीय अभियांत्रिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान सोलर पीवी हब का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि कोई संस्थान अगर बहुभाषी, बहुविषयक तथा बहुआयामी सोच के साथ आगे बढ़े एवं अपने पाठ्यक्रम में भी इस अप्रोच को अपनाएं तो संस्थान के साथ साथ उसके छात्रों के भी बहुआयामी तथा चहुमुखी विकास को एक उच्च गति मिल जाती है।

निशंक ने कहा, “आईआईईएसटी शिवपुर 1856 से वैज्ञानिक सोच, समझ, ज्ञान और तकनीक को संरक्षित रखने एवं पोषित करने का कार्य बहुत जिम्मेदारी से कर रहा है। संस्थान में सोलर हब के निर्माण से निश्चित रूप से सौर ऊर्जा गतिविधियों में संलग्न पूर्वी तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र में कई उद्योगों और अनुसंधान संगठनों को प्रत्यक्ष रूप से इस हब के साथ नई एवं व्यवहारिक तकनीकों में कुशलता प्राप्त करने तथा उचित प्रशिक्षण प्राप्त करने की पूरी संभावना है।

सौर ऊर्जा की जरूरतों पर बात करते हुए निशंक ने कहा, “पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग जैसी दीर्घकालिक समस्याओं का सामना कर रहा है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इको फ्रेंडली तकनीकों तथा ऊर्जा के नवीन स्रोतों की तरफ अग्रसर हों साथ ही कार्बन उत्सर्जन को कम कर तथा फॉसिल फ्यूल पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए सौर ऊर्जा जैसे नए स्रोतों की तलाश करें एवं अनुसंधान और इनोवेशन के जरिए उन्हें कम लागत में समाज के लिए उपयोगी बनाएं।

उन्होंने आईआईईएसटी शिवपुर की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा, “भारत का यह तीसरा इंजीनियरिंग कॉलेज 16 विभागों, आठ स्कूलों, 250 फैकेल्टी मेंबर्स तथा करीब 4000 छात्रों के साथ अनुसंधान और विकास के कार्यों में लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। संस्थान ने बौद्धिक संपदा से संबंधित नियमों, पारदर्शी प्रशासन, व्यवसायीकरण, राजस्व निर्माण आदि के संबंध में अपने छात्रों, शिक्षकों, रिसर्च स्कॉलर आदि को जागरूक करने तथा नई खोजों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) सेल का निर्माण भी किया है। इस सेल ने पिछले दो दशकों में लगभग 60 के करीब पेटेंट फाइल किए हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा संस्थान का ‘रिसर्च एंड कंसल्टेंसी सेल’ एक प्रमुख इनोवेशन केंद्र है जिसके माध्यम से संस्थान इंफोसिस, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, आईबीएम, टाटा स्टील, टीसीएस जैसे विभिन्न संस्थाओं के साथ प्रायोजित रिसर्च तथा कंसल्टेंसी कार्यों में भी बहुत गंभीरता के साथ आगे बढ़ रहा है। ऐसे कार्यों से इंडस्ट्री और एकेडमी के बीच के गैप को कम करने में काफी मदद मिलती है। साथ ही इंडस्ट्री को जहां संस्थान द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ सुझाव प्राप्त होते हैं, वही संस्थान को भी इन क्षेत्रों में रिसर्च तथा इनोवेशन के अनेक अवसर प्राप्त होते हैं।

निशंक ने संस्थान के ‘टैगोर सेंटर फॉर ग्रीन टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेशन केंद्र’ की सराहना करते हुए कहा कि यह सेंटर छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। इस केंद्र से आज लगभग 20 इनक्यूबेट्स जुड़े हुए हैं. इसके अलावा इस केंद्र के साथ लगभग 11 स्टार्टअप्स कंपनियां भी संबद्ध हैं। निशंक ने नई शिक्षा नीति के संबंध में कहा कि इसके कार्यान्वयन में आईआईईएसटी शिवपुर जैसे संस्थान नई शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, आईआईईएसटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. वासुदेव आत्रे, आईआईईएसटी के निदेशक प्रो पार्थसारथी चक्रवर्ती, आईआईईएसटी के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो आशुतोष शर्मा एवं संस्थान के अन्य सदस्य और छात्र-छात्राएं भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से जुड़े।

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