मोहन भागवत का कोलकाता प्रवास, संगठनात्मक पहलुओं पर होगा मंथन

मोहन भागवत का कोलकाता प्रवास, संगठनात्मक पहलुओं पर होगा मंथन

Newspoint24.com/newsdesk/


कोलकाता । बंगाल में तेजी से पैर‌ पसारती भाजपा की सांगठनिक मजबूती के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय यात्रा पर कोलकाता पहुंचे हैं। बुधवार से वह बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठनात्मक पहलुओं पर मंथन करेंगे। आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया है, ‘‘वह आरएसएस कार्यालय में पदाधिकारियों से मिलेंगे। महामारी के कारण किसी अन्य स्थान पर नहीं जाएंगे। हमारे संगठन से संबंधित मुद्दों और महामारी के दौरान किए गए कल्याणकारी कार्यों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा चक्रवात प्रभावित लोगों के लिए राहत व बचाव कार्यों पर भी चर्चा होगी।”

दरअसल, बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) राज्य में अपनी पैठ मजबूत करना चाहता है। सरसंघचालक मोहन भागवत 24 सितम्बर तक कोलकाता में रहेंगे और यहां पदाधिकारियों के साथ संगठनात्मक बैठक कर 25 सितम्बर की सुबह ओडिशा जाएंगे। भागवत कोलकाता प्रवास के दौरान संघ के सहयोगी संगठन आरोग्य भारती, शिक्षा भारती, क्रीड़ा भारती, सक्षम (दिव्यांगों के लिए), सेवा भारती के प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे। ये संगठन बंगाल में अब तक की उपलब्धियों और उनकी समस्याओं से सरसंघचालक को अवगत कराएंगे और भविष्य की योजनाएं भी बनाएंगे।

उल्लेखनीय है कि ब्लॉक स्तर पर संघ को मजबूत करने के उद्देश्य से अगस्त 2019 के बाद भागवत की राज्य की यह चौथी यात्रा होगी। इससे पहले आरएस प्रमुख पिछले साल 1 अगस्त, 31 अगस्त और 19 सितम्बर को कोलकाता आए थे। पिछले प्रवास के दौरान भागवत ने बंगाल में स्वयंसेवकों को मुस्लिम समुदाय या अल्पसंख्यकों के साथ जुड़ने के लिए कहा था, जो राष्ट्रवाद में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील की थी कि आम लोगों से जुड़ें और समाज सेवा के कार्यों से उन्हें अवगत कराएं।
वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार सरसंघचालक बंगाल के 341 ब्लॉकों में से प्रत्येक में कम से कम एक शाखा चाहते हैं। वर्तमान में बंगाल में लगभग 1,800 शाखाएं हैं, लेकिन ये शाखाएं सभी ब्लॉकों में समान रूप से नहीं हैं, वरन असमान रूप से कुछ इलाकों में सीमित है। संघ की योजना सभी ब्लॉकों में शाखा लगाने की है तथा वर्ष 2021 तक इसे दोगुना करने की योजना है। लगभग एक वर्ष तक कोलकाता में कोई बैठक नहीं हुई है। राममंदिर शिलान्यास के बाद वह पहली बार कोलकाता आए हैं। प्रशासन के साथ सभी आवश्यक प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया है। उनके जेड-प्लस सुरक्षा कवर के कारण पुलिस विभाग को पहले से सूचित किया गया है।
डॉ श्यामप्रसाद मुखर्जी का गृह राज्य रहने के बावजूद बंगाल में दशकों का आरएसएस का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं रहा था, लेकिन अब स्थिति बदलने लगी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि 2021 के चुनाव के पूर्व भागवत की बंगाल यात्रा से आरएसएस के स्वयंसवेकों व भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। खबर है कि भागवत भाजपा के पदाधिकारियों के साथ भी समन्वय बैठक करेंगे।

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