राफेल में लगाने से पहले हुआ माइका मिसाइल का परीक्षण

राफेल में लगाने से पहले हुआ माइका मिसाइल का परीक्षण

Newspoint24.com/newsdesk/सुनीत निगम/

लड़ाकू विमान ​​सुखोई-30 एमकेआई से ​​मीका मिसाइ​ल ​के दो फायर किये गए
पाकिस्तान और चीन सीमा से दूर ​​ओडिशा तट पर​​ ​पूरा किया गया मिशन ​


नई दिल्ली । ​भारत ने पाकिस्तान और चीन सीमा पर एक साथ ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारी तेज कर दी है​।​ फ्रांस से 29 जुलाई को मिले फाइटर जेट राफेल में मीका मिसाइलों को लगाने से पहले भारतीय वायुसेना ने ​इनका परीक्षण किया है​।​ यह गोपनीय मिशन पूर्वी लद्दाख की सीमा से दूर ​​ओडिशा तट पर ​​पूरा किया गया है​।​ वायुसेना ने हाल ही में फ्रांस और रूस से हासिल की गई हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइ​लें लड़ाकू विमान ​​सुखोई-30 एमकेआई से मिसाइल ​दागीं और सफलतापूर्वक ​खर्चीले हवाई लक्ष्यों (ईएटीएस) को ​नष्ट कर दिया​​​।​​

चूंकि भारत ​इस समय पाकिस्तान की सीमा एलओसी और चीन की सीमा एलएसी पर एक साथ चुनौतियों का सामना कर रहा है, ​इसलिए ​भारतीय ​सेनाएं पड़ोसी ​दुश्मनों द्वारा किए गए किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने की तैयारी कर रही है​​​।​ फ्रांस से हाल ही में मिले राफेल फाइटर जेट्स ने भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान भरने का अभ्यास ​किया है। भारतीय वायुसेना के पायलट भी ​रात के समय हिमाचल की पहाड़ियों में ​राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग ​कर रहे हैं। करीब 1700 किलोमीटर के घेरे में अटैक करने की क्षमता रखने वाले राफेल अपने सर्कल में कहीं भी मार कर सकते हैं। इस सर्कल में पूर्वी लद्दाख, चीन के अवैध कब्ज़े वाला अक्साई चिन, तिब्बत, पाकिस्तान और पीओके है। ​अब राफेल विमानों को भी ऑपरेशनल ​करके मोर्चों पर तैनात किया जाना है​।​ ​
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अग्रिम मोर्चों पर तैनात होने से पहले राफेल में इस्तेमाल की जाने वाली ​मिसाइलों का परीक्षण करने का यह मिशन वायुसेना ने पाकिस्तान और चीन की सीमा से दूर ​​ओडिशा ​के ​तट पर ​पूरा किया​।​ रक्षा सूत्रों का कहना है कि​ वायुसेना ने सुखोई-30 एमकेआई से हवा में मार करने वाली एंटी एयर मल्टी टारगेट माइका मिसाइल का पहली बार परीक्षण करके खर्चीले हवाई लक्ष्यों (ईएटी) को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। परीक्षण ​के दौरान ​​बियॉन्ड विजुअल रेंज (​बीवीआर​) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल ​मीका के दो राउंड फायर किए गए।​ ​​यह सभी मौसम​ में लघु और मध्यम दूरी​ तक लक्ष्य को मार गिराने वाली ​मिसाइल प्रणाली है। ​

लड़ाकू विमानों ने पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा एयरबेस से उड़ान भरी और कम ऊंचाई पर दुश्मन के विमान को मार गिराने वाले हवाई लक्ष्य ड्रोन ​पर मिसाइल दागी। मिशन के सभी मापदंडों को पूरा ​करके मिसाइल ​ने लक्ष्य को नष्ट कर दिया​​। यह मिसाइल सुखोई और राफेल फाइटर जेट दोनों से लैस होगी​​​।​​ ​इस मिसाइल का उपयोग हवाई प्लेटफार्मों के साथ-साथ जमीनी इकाइयों और जहाजों दोनों द्वारा किया जा सकता है। 3.1 मीटर लंबी मिसाइल का व्यास 0.16 मीटर है​ और इस​का वजन लगभग 112 किलोग्राम है। यह ​मिसाइल ​500 मीटर से 60 किमी​.​ ​दूरी तक ​के लक्ष्यों को बेअसर कर ​सकती​ है।

​वायुसेना ने रूस से ​मिली आर-77 एयर-टू-एयर मिसाइल का ​भी ​दो राउंड परीक्षण ​पिछले हफ्ते ​किया था। बहुउद्देश्यीय मध्यम दूरी ​तक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल आर​-​77 की लंबाई लगभग 3.6 मीटर और व्यास में 200 मिमी है। इसका वजन लगभग 175 किलोग्राम है। इसमें 80 किमी​.​ से लेकर 100 किमी​.​ तक की परिचालन सीमा है। ​भारतीय वायुसेना अपने स्क्वाड्रन के उन्नयन की प्रक्रिया में है। यह यूरोपीय हथियार निर्माता ​एमबीडीए से उल्का​​पिंड मिसाइल की खरीद की प्रक्रिया में भी है। राफेल को माइका और उल्का मिसाइलों से लैस किया जाएगा।

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