एमपी खेल अकादमी के खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों के लिए होगा मेंटल वैलनेस प्रोग्राम

एमपी खेल अकादमी के खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों के लिए होगा मेंटल वैलनेस प्रोग्राम

Newspoint24.com/newsdesk/

भोपाल । मध्यप्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया कहा है कि वर्तमान में खेलों में आधुनिक खेल विज्ञान की तकनीकों का इस्तेमाल और उसकी जानकारी न सिर्फ खिलाड़ी बल्कि पहले प्रशिक्षकों को होनी चाहिए। यह प्रयास इसमें सार्थक सिद्ध होगा। इसके लिए सिंगापुर की हाई परफारमेंस स्पोर्ट्स साईकोलॉजिस्ट संजना किरण मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों तथा स्पोर्ट्स लीडर्स को प्रशिक्षित करेंगी।

खिलाड़ियों को हर स्थिति में चाहे वह खेल का मैदान हो जहां हार-जीत का फैसला होता है, चाहे पढ़ाई, कैरियर या फिर कोरोना जैसी महामारी की स्थिति हो, ऐसे में वे अपने शारीरिक संतुलन और मानसिक अवस्था को कैसे बेहतर बना सकते हैं। इस संबंध में श्रीमती सिंधिया मध्यप्रदेश में हाई परफॉर्मेंस साइंस सेंटर के क्षेत्र में कार्य कर रहे अंतर्राष्ट्रीय पूर्व ओलंपियन शूटर अभिनव बिंद्रा की संस्था के साथ वेबिनार के माध्यम से विभिन्न विषयों पर लगातार चर्चारत हैं। इसी श्रृंखला में मंगलवार को टीटी नगर स्टेडियम में श्रीमती सिंधिया ने प्रदेश के स्पोर्ट्स साइंटिस्ट व राज्य अकादमी के प्रशिक्षकों के साथ वेबीनार के माध्यम से अभिनव बिंद्रा संस्था के प्रतिनिधियों से चर्चा की।

श्रीमती सिंधिया ने कहा कि वर्तमान में खेलों में आधुनिक खेल विज्ञान की तकनीकों का इस्तेमाल और उसकी जानकारी न सिर्फ खिलाड़ी बल्कि पहले प्रशिक्षकों को होनी चाहिए। यह प्रयास इसमें सार्थक सिद्ध होगा। इसके लिए सिंगापुर की हाई परफारमेंस स्पोर्ट्स साईकोलॉजिस्ट संजना किरण मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों तथा स्पोर्ट्स लीडर्स को प्रशिक्षित करेंगी। सिंगापुर की स्पोर्ट्स साईकोलॉजिस्ट डॉ. संजना किरण 21 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच विभिन्न चरणों में यह प्रशिक्षण वेबीनार के माध्यम से करेंगी।

अभिनव बिन्द्रा फाउंडेशन के हाई परफारमेंस डायरेक्टर डॉ. दिगपाल सिंह राणावत ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्पोर्ट्स साइंस की नई तकनीकों की जानकारी साझा की।। उन्होंने बताया कि अभिनव बिन्द्रा टारगेट परफारमेंस सेंटर छह स्थानों पर स्थापित है। इनमें मोहाली, दिल्ली, पुणे, ओड़िसा, गुड़गाँव और बेंगलुरू शामिल है। राणावत ने बताया कि इन सेंटरों के माध्यम से पाँच लाख से ज्यादा खिलाड़ियों को उनके द्वारा मदद दी गई हैं।

उन्होंने बताया कि फाउंडेशन एथलीट डेवलपमेंट के लिए कार्यरत है। वे कोच एजुकेशन, एथलीट एसेसमेंट एण्ड टेस्टिंग, इंज्यूरी एण्ड रिहेबिलिटेशन के क्षेत्र में नवीन तकनीकों के साथ कार्य कर रहे है। उन्होंने ओड़िशा की केस स्टडी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि उनका फाउण्डेशन विश्व के सबसे आधुनिक खेल विज्ञान की तकनीकों को भारत में लाया है जिसमें आईसोकायनेटिक मशीन, ईएमएस (इलेक्ट्रो मायो स्टीमुलेशन), आईसबाथ, एथलीट मैजेनमेंट सिस्टम किंडक्ट, गेम्स स्पेसिफिक टैलेंट आई.डी. सिस्टम प्रमुख हैं।

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