योग गुरू रामदेव को तगड़ा झटका मद्रास हाई कोर्ट ने पतंजलि पर 10 लाख का जुर्माना लगाया

योग गुरू रामदेव को तगड़ा झटका मद्रास हाई कोर्ट ने पतंजलि पर 10 लाख का जुर्माना लगाया

Newspoint24.com/newsdesk/

चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट में चेन्नई की अरुद्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से याचिका दायर पर गुरूवार को हुई सुनवाई में अदालत ने पतंजलि द्वारा कोरोनिल शब्द का इस्तेमाल करने पर लगे स्टे को हटाने की मांग को भी खारिज कर दिया।
अरुद्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से कहा गया था कि कोरोनिल 92बी नाम से उनका ट्रेडमार्क प्रोडक्ट रजिस्टर्ड है। वह तीन दशक से औद्योगिक रसायन की सफाई के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है। तब हाई कोर्ट ने कोरोनिल शब्द के इस्तेमाल पर स्टे लगा दिया था और पतंजलि इस नाम से दवा नहीं बना सकी थी।

जस्टिस सीवी कार्तिकेय ने अपने 104 पेज के आदेश में कहा, ‘पतंजलि और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट ने इस बात को कई बार प्रोजेक्ट किया कि वह 10 हज़ार करोड़ रुपये की कंपनी है, लेकिन इसके बाद भी वे मुनाफ़ा कमाने के लिए लोगों के बीच कोरोना को लेकर फैले डर और परेशानी को हथियार बना रहे हैं।’

अदालत ने कहा कि वे आम लोगों के बीच कोरोना के इलाज का दावा कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि उनकी कोरोनिल टैबलेट कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है बल्कि यह खांसी, बुखार और सर्दी के लिए एक इम्यूनिटी बूस्टर है।

अदालत ने कहा, ‘यह आसानी से पता किया जा सकता है कि कोरोनिल एक रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है। अगर कंपनी ने यह पता किया और फिर भी वे धृष्टता के साथ इस नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो फिर उनकी बात सुनने का कोई कारण नहीं है।’

अदालत ने कहा कि पतंजलि अदयार कैंसर इंस्टीट्यूट और नैचुरोपैथी मेडिकल कॉलेज को 5-5 लाख रुपये दे। ये दोनों ही संस्थान मरीज़ों की निशुल्क सेवा कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि यह पैसा 21 अगस्त से पहले दे दिया जाना चाहिए।

Share this story