जानिए कितना गुणकारी है Tofu

जानिए कितना गुणकारी है Tofu

Newspoint24.com/newsdesk/

बहुत से लोग टोफू और पनीर को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं और टोफू को लेकर अक्सर फूड एक्सपर्ट्स के बीच बहस भी होती है। कुछ एक्सपर्ट्स जहां टोफू को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानते हैं वहीं बहुत से एक्सपर्ट्स यह भी कहते हैं कि टोफू आनुवंशिक रूप से संशोधित होता है, इसलिए इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

चीनी, थाई, जापानी और अमेरिकी रेसिपीज में ज्यादातर इस्तेमाल होने वाला खाद्य पदार्थ टोफू का सेवन आपको करना चाहिए या नहीं, इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको बताएंगे की आखिर टोफू क्या है, इसे खाने के फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं।

टोफू खाने के फायदे –

हृदय रोग को दूर करता है टोफू –

सोया आइसोफ्लैवन्स एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। हालांकि यह HDL यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को किसी तरह से बढ़ाते नहीं हैं। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में यह बात साबित भी की है कि सोया आइसोफ्लैवन्स रक्त धमनियों में होने वाले सूजन और जलन (इन्फ्लेमेशन) की समस्या को कम कर उनके लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करता है।

इसके अलावा रोजाना करीब 50 ग्राम सोया प्रोटीन का सेवन करने से ब्लड फैट बेहतर होता है और हृदय रोग का खतरा 10 प्रतिशत तक कम हो जाता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल पर इसका असर दिखे इसके लिए एफडीएन ने रोजाना कम से कम 25 ग्राम सोया प्रोटीन का सेवन करने की लिमिट तय की है। अब जब कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होगा, रक्त धमनियों में लचीलापन रहेगा तो जाहिर सी बात है कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होगी और ये सारी चीजें मिलकर हृदय रोग के खतरे को कम करेंगी।
ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करता है टोफू

क्लिनिकल और एक्सपेरिमेंट्ल निरीक्षण में यह बात साबित हो चुकी है कि सोया में मौजूद प्रमुख आइसोफ्लैवन जेनिस्टीन में ऐसी एंटीऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज पायी जाती है जो कैंसर कोशिकाओं के विकास में रूकावट उत्पन्न करता है। यही वजह है कि नियमित रूप से सोया या सोया से बनी चीजों का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है। रिसर्च में भी यह बात साबित हो चुकी है कि हफ्ते में कम से कम एक बार सोया प्रॉडक्ट्स का सेवन करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 48 से 56 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

प्रोस्टेट कैंसर से भी बचाता है टोफू

सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर ही नहीं बल्कि पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर के खतरे से भी बचाता है टोफू। इस बारे में अब तक हो चुकी 2 रिव्यू स्टडीज में यह बात सामने आ चुकी है कि वैसे पुरुष जो सोया प्रॉडक्ट्स खासकर टोफू का अधिक सेवन करते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा 32 से 51 प्रतिशत तक कम होता है। इस बारे में हुई एक तीसरी रिव्यू स्टडी में पहली दोनों स्टडी के नतीजों की पुष्टि तो की गई लेकिन साथ ही यह भी कहा गया कि आइसोफ्लैवन्स के फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति कितनी मात्रा में उसका सेवन कर रहा है और पेट में किस तरह का गट बैक्टीरिया मौजूद है।

टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है टोफू

जानवरों पर टेस्ट-ट्यूब के माध्यम से हुई कई स्टडीज में यह बात साबित हो चुकी है कि सोया आइसोफ्लैवन्स ब्लड शुगर कंट्रोल को बेहतर बनाने में मदद करता है। मेनोपॉज के बाद वाली स्वस्थ महिलाओं पर की गई एक स्टडी में यह बात सामने आयी कि रोजाना करीब 100 मिलिग्राम सोया आइसोफ्लैवन्स के सेवन से ब्लड शुगर का लेवल 15 प्रतिशत तक कम हो जाता है और इंसुलिन का लेवल 23 प्रतिशत तक कम।

Type 2 डायबिटीज के मरीजों को अक्सर किडनी की बीमारी भी हो जाती है जिससे शरीर पेशाब में प्रोटीन की अधिक मात्रा का उत्सर्जन करने लगता है। एक अध्ययन के सबूत ये संकेत देते हैं कि वैसे लोग जो अपने आहार में केवल सोया प्रोटीन का सेवन करते हैं, वे उन लोगों की तुलना में कम प्रोटीन उत्सर्जित करते हैं जो केवल ऐनिमल प्रोटीन का सेवन करते हैं। शोधकर्ताओं का प्रस्ताव है कि इससे टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों को फायदा हो सकता है।

किडनी के फंक्शन को बेहतर बनाता है टोफू

सोया प्रोटीन किडनी के कार्यों को बढ़ा सकता है और यह उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के दौर से गुजर रहे हों। 9 परीक्षणों के एक मेटा विश्लेषण ने लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीज के कुछ बायोमार्कर्स पर सोया का सकारात्मक प्रभाव देखा। यह टोफू की प्रोटीन सामग्री के कारण हो सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता है टोफू

सोया आइसोफ्लैवन्स से भरपूर टोफू हड्डियों की कमजोरी की समस्या को कम कर हड्डियों में खनिज की सघनता को बढ़ाता है खासकर मेनोपॉज के बाद। इस वजह से हड्डियों से जुड़ी समस्या ऑस्टियोपोरेसिस होने का खतरा भी कम रहता है। टोफू में कैल्शियम भी अधिक होता है। 113 ग्राम टोफू में गाय के दूध के 250 मिलिलीटर के बराबर कैल्शियम होता है। यह उन महिलाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है जिन्हें ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा सबसे अधिक है।

ब्रेन Diseases दूर करता है टोफू

सोया आइसोफ्लैवन्स याददाश्त और मस्तिष्क के कार्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है विशेष रूप से 65 साल से अधिक उम्र की महिलाओं पर। निश्चित जनसंख्या पर किए गए अध्ययनों ने संकेत दिया है कि, जिन क्षेत्रों में लोग अधिक सोया का सेवन करते हैं, वहां आयु संबंधी मानसिक विकारों का खतरा कम रहता है। वजन घटाने में मददगार है टोफू –

एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि जिन लोगों ने 8 हफ्तों से लेकर 52 हफ्तों तक सोया आइसोफ्लैवन्स से भरपूर टोफू का सेवन किया उनके वजन में औसतन 10 पाउंड यानी 4.5 किलोग्राम की कमी देखने को मिली। इसके अलावा टोफू में कैलोरी भी बेहद कम होती है और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इस लिहाज से भी टोफू वेट लॉस के लिए परफेक्ट फूड है।

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