जगदीप ने जावेद अख्तर से सीखी थी भोपाली भाषा

जगदीप ने जावेद अख्तर से सीखी थी भोपाली भाषा

Newspont24.com/newsdesk/

मुंबई। फिल्म ‘शोले’ में निभाये किरदार ‘सूरमा भोपाली’ के जरिये खास पहचान बनाने वाले हास्य अभिनेता जगदीप ने भोपाली भाषा सुप्रसिद्ध गीतकार-शायर जावेद अख्तर से सीखी थी।

वर्ष 1975 में प्रदर्शित रमेश सिप्पी निर्देशित फिल्म ‘शोले’ में जगदीप ने ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार निभाया, जो उनकी पहचान बन गया। फिल्म ‘शोले’ में जगदीप का बोला गया संवाद ‘हमारा नाम सुरमा भोपाली ऐसई नई हे’ काफी मशहूर हुआ। आज भी फैन्स के बीच जगदीप सूरमा भोपाली के नाम से मशहूर हैं। इस किरदार की कहानी भी बड़ी रोचक है।

जगदीप ने एक बार बताया था, वह फिल्म ‘सरहदी लुटेरा’ में एक कॉमेडियन के तौर पर काम कर रहे थे। फिल्म में सलमान खान के पिता सलीम खान हीरो थे। फिल्म में जगदीप के डायलॉग काफी बड़े थे और वह इस बात को लेकर वह फिल्म निर्देशक के पास पहुंचे और कहा मेरे डायलॉग बहुत बड़े हैं, तो उन्होंने कहा जाओ जाकर जावेद को बताओ। फिर वह जावेद के पास पहुंचे। जावेद अख्तर जो फिल्म में क्लैपर बॉय थे उन्होंने डायलॉग को छोटा कर दिया। जावेद के इस काम से जगदीप काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कहा, कमाल है यार, तुम तो बहुत अच्छे रायटर हो। इसके बाद जगदीप और जावेद एक शाम साथ बैठे थे। किस्से, कहानियां और शायरियों का दौर चल रहा था, तभी जावेद ने कहा ,क्या जाने, किधर कहां-कहां से आ जाते हैं’ तो जगदीप ने कहा ये क्या है और कहां से ले आए हो। इस पर जावेद ने कहा कि ये भोपाल का लहजा है। जगदीप ने पूछा कि यहां भोपाल से कौन है। मैंने तो ये लाइन किसी से नहीं सुनी, तो जावेद ने कहा कि ये भोपाल की औरतों का लहजा है, वे इसी लहजे में बात करती हैं, इस पर जगदीप ने जावेद से कहा कि मुझे ये भाषा सिखाओ।

रमेश सिप्पी जब फिल्म शोले’ बना रहे थे तब उन्होने जगदीप को फोन किया उनके लिए इस फिल्म में एक रोल है और फिर यहीं से शुरू हुआ ‘सूरमा भोपाली’ का सिलसिला, और लोग जगदीप को उनके असली नाम से कम और ‘सूरमा भोपाली’ के नाम से ज्यादा जानने लगे। वर्ष 1988 में जगदीपएक बार फिर सूरमा भोपाली के किरदार में नजर आये। जगदीप ने सूरमा भोपाली का निर्देशन किया। फिल्म में अमिताभ बच्चन ,धर्मेन्द्र एवं रेखा ने अतिथि भूमिका निभायी थी।

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