पहली फिल्म के लिये जगदीप को मिले थे छह रुपये

पहली फिल्म के लिये जगदीप को मिले थे छह रुपये

Newspont24.com/newsdesk/

मुंबई । बॉलीवुड में अपने कॉमिक अभिनय से पांच दशक से अधिक समय तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले जगदीप को अपनी पहली फिल्म के लिये छह रुपये मिले थे।

मध्यप्रदेश के दतिया में जन्में जगदीप उर्फ सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी ने बचपन के दिनों में गरीबी काफी करीब से देखी थी। जगदीप महज सात-आठ साल के थे तभी पिता का निधन हो गया। भारत-पाक बंटवारे के बाद जगदीप अपनी मां के साथ ग्वालियर से मुंबई आ गये। कहा जाता है कि जगदीप की मां यतीम खाने में खाना बनाने का काम करतीं जिससे वह अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा सके और उसे पाल सके। एक दिन जगदीप ने निश्चय किया कि घर की परिवार की मदद के लिये उन्हें कुछ काम करना चाहिये। हालांकि, मां ने जगदीप को काम करने से मना किया लेकिन वह नहीं माने। जगदीप पढ़ाई छोड़कर पतंगें बनाने लगे, साबुन और कंघी बेचने का काम करने लगे।

जगदीप जहां सड़क पर काम किया करते थे। वहां एक आदमी आया और वह वैसे बच्चों को ढूंढ रहा था जो फिल्म में काम कर सके। उस शख्स ने जगदीप से फिल्मों में काम के बारे में पूछा कि क्या तुम काम करोगे। जगदीप ने उस शख्स से पूछा कि ये फिल्में क्या होती हैं। जगदीप ने उस समय तक फिल्में नहीं देखी थी। जगदीप ने उस शख्स से पैसे की बात की उन्हें इस काम के लिए कितने मिलेंगे। जिसपर जवाब आया तीन रुपये।

जगदीप को महसूस हुआ कि जैसे उनकी लॉटरी लग गयी है। जगदीप तुरंत फिल्मों में काम के लिए तैयार हो गए। अगले दिन जगदीप की मां उन्हें लेकर स्टूडियो पहुंच गईं, जहां बच्चों का ही सीन चल रहा था। हालांकि, उस वक्त जगदीप को केवल चुपचाप बैठने वाला रोल मिला था, लेकिन तभी उर्दू में एक ऐसा डायलॉग आया, जिसे कोई बच्चा बोल नहीं पा रहा था। जगदीप ने किसी बच्चे से पूछा कि यदि यह डायलॉग मैंने बोल दिया तो क्या होगा, जवाब आया, पैसे ज्यादा मिलेंगे छह रुपये। जगदीप ने सामने जाकर यह डायलॉग बड़ी ही खूबसूरती से बोल दिया और फिर यहीं से शुरू हुआ उनकी चाइल्ड आर्टिस्ट का सफर। यह फिल्म थी वर्ष 1951 में प्रदर्शित बी. आर. चोपड़ा की ‘अफसाना’। इसके बाद जगदीप ने सफलता की बुलंदियों को छुआ और एक से बढ़कर एक फिल्मों में अपने लाजवाब कॉमिक अभिनय से दर्शकों को दिल जीता।

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