शिखर सम्मेलन में खर्च के बराबर भी नहीं आया निवेश : राज्यपाल

शिखर सम्मेलन में खर्च के बराबर भी नहीं आया निवेश : राज्यपाल

शिखर सम्मेलन में खर्च के बराबर भी नहीं आया निवेश : राज्यपाल
कोलकाता । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इशारे इशारे में हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने निवेश आकर्षित करने के लिए शिखर सम्मेलनों के आयोजन पर जितना खर्च किया उतना निवेश भी अभी तक नहीं आया है। इस संबंध में उन्होंने वित्त विभाग से जवाब तलब किया है। इस बारे में राज्यपाल ने एक ट्वीट कर कहा है कि उनके पास कई शिकायतें आ रही हैं कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बिजनेस ग्लोबल समिट का आयोजन होता है, लेकिन राज्य को इससे क्या फायदा हुआ यह जानकारी किसी के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि आरोप यह भी है कि बंगाल में जितना निवेश आया है, उससे कहीं ज्यादा रुपया बिजनेस ग्लोबल समिट के आयोजन पर खर्च किया गया है। धनखड़ ने राज्य के वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से बीजीबीएस के आयोजन पर हुए खर्च के संबंध में ब्यौरा भी मांगा है। उन्होंने ट्विटर पर वित्त विभाग से पूछे गए सवालों को भी साझा किया। राज्यपाल ने राज्य वित्त विभाग से 5 सवालों के जवाब मांगे हैं। बीजीबीएस को लेकर राज्यपाल द्वारा उठाए गए सवालों में पहला यह कि वर्ष 2016 से अब तक इसके आयोजन पर कितने रुपये खर्च किए गए हैं? राज्यपाल ने प्रत्येक वर्ष का अलग-अलग हिसाब मांगा है। साथ ही इस राशि को किस एजेंसी या एजेंसियों के माध्यम से खर्च किया गया है इसकी भी जानकारी मांगी गई है। इसके साथ राज्यपाल ने बीजीबीएस का आयोजन करने वाली इवेंट कंपनी और उस कंपनी को किए गए भुगतान के बारे में विस्तृत जानकारी तलब किया है। वहीं, बीजीबीएस के आयोजन से बंगाल की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है इस बारे में भी राज्यपाल ने जानकारी मांगी है। उन्होंने वित्त सचिव से पूछा है कि बीजीबीएस के दौरान कितनी कंपनियों के साथ समझौते हुए थे और राज्य में कितने रुपये के निवेश करने का प्रस्ताव मिला था और कितने लोगों को रोजगार देने की बात कही गई थी। साथ ही राज्यपाल ने प्रत्येक वर्ष के बीजीबीएस की उपलब्धियों के बारे में जानना चाहा है। 2016 से प्रत्येक वर्ष मिले प्रस्ताव के अनुसार राज्य में कितने का निवेश हुआ और कितने लोगों को रोजगार मिला। राज्यपाल ने इसके बारे में पूरी जानकारी मांगी है। माना जा रहा है कि इससे राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

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