यूपी एसटीएफ को बड़ी कामयाबी अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने के नाम पर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ को बड़ी कामयाबी अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने के नाम पर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

Newsdesk24. com / newsdesk / हि.स.

लखनऊ । यूपी एसटीएफ ने अधिकारियों के पोस्टिंग और ट्रांसफर कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को दबोचा है। इसी मामले में एक आरोपित जेल जा चुका है।

पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश ने शनिवार को बताया कि शासन ने विगत दिनों वायरल आडियो क्लिप के सम्बन्ध में जांच कराये जाने के लिए एसटीएफ को निर्देशित किया था।

एसएसपी विशाल विक्रम के नेतृत्व में गठित टीम इसकी जांच कर रही थी। जांच के क्रम में लाखोें की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुये अभियुक्त पीयूष अग्रवाल को ​गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। छानबीन के बाद प्रकाश में आये अभियुक्तों गाजियाबाद निवासी गौरीकान्त दीक्षित और आजमगढ़ निवासी कमलेश कुमार सिंह विजयीपुर अण्डरपास गोमतीनगर लखनऊ से गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार अभियुक्त गौरीकान्त दीक्षित ने पूछताछ पर बताया कि इस गिरोह का सरगना पीयूष अग्रवाल है। उसका और पीयूष से परिवारिक संबंध है और दोनों एक साथ गाजियाबाद में एक ही सोसायटी में रहते है।

पीयूष अग्रवाल (कथित दलाल) है। जो एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं डीडी न्यूज का पत्रकार है। इसी कारण उसके तमाम बड़े अधिकारियों से सम्बन्ध है जिसका प्रभाव दिखाकर वह लोगों को अपने जाल में फंसाकर ट्रान्सफर करवाने के नाम पर धोखाधड़ी करके पैसा ऐठते हैं। हम लोग इस काम में उसका साथ देते हैं।

कमलेश ने बीते दिनो एक आईएएस अधिकारी की पोस्टिंग उपाध्यक्ष कानपुर नगर विकास प्राधिकरण के पद पर कराने की बात हुई थी। पीयूष से बात हुई तो उसने इस कार्य को करने की एवज में 01 करोड रुपये खर्च आयेगा और आपस में बांट लिया जायेगा। यह डील सवा करोड़ (1.25 करोड़) में फाइनल हुई। इस कार्य हेतु पीयूष अग्रवाल, मेरे साथ एवं कई बार अकेले जनपद गाजियाबाद से लखनऊ आया। मैने ही पीयूष अग्रवाल की कमलेश से मुलाकात लखनऊ मेें कराई थी।

दो मार्च को गौरीकान्त होटल सिलवर सेवन में जाकर पीयूष अग्रवाल से मिलकर एडवांस के पन्द्रह लाख रुपये एक लिफाफे में उसे दिया था, जिसमेें से उसी समय दो लाख रुपये पीयूष अग्रवाल ने कमलेश कुमार सिंह को दे दिया था, तथा दो लाख मेरे बैंक खाते में जमा करवा दिया था। इसके बाद उसने कई बार ट्रांसफर के प्रयास किए लेकिन पूर्णबंदी के कारण यह ट्रांसफर नहीं हो गया। जब कमलेश का काम नहीं हुआ तो वह दबाव बनाने लगा। इस पर उसने कमलेश और पीयूष से हुई बाचतीत की रिकार्डिग कर पत्रकार के माध्यम से वायरल करा दिया था, और बताया कि जो आडियो क्लिप मैने पत्रकार को भेजी है, उसमें पीयूष अग्रवाल व कमलेश कुमार सिंह के बीच में हुई वार्ता ही है। कमलेश कुमार सिंह ने पूछताछ में स्वीकारोक्ति करते हुये बताया कि जो बाते गौरीकान्त दीक्षित ने बताया है वही सत्य हैं।एसटीएफ ने दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया है।

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