कोविड वैक्सीन का प्रारंभिक परीक्षण सफल, दिसंबर तक उपलब्ध होने के आसार : बांग्लादेशी वैज्ञानिक

कोविड वैक्सीन का प्रारंभिक परीक्षण सफल, दिसंबर तक उपलब्ध होने के आसार : बांग्लादेशी वैज्ञानिक

Newspoint24.com/newsdesk/सुमी खान/आईएएनएस/



ढाका । बांग्लादेश की कंपनी ग्लोब बायोटेक लिमिटेड ने कोविड-19 वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ने का दावा किया है। ऐसा दावा करने वाली बांग्लादेश की इस पहली कंपनी ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन का प्रारंभिक एनिमल मॉडलिंग परीक्षण सफल रहा है और उसका लक्ष्य दिसंबर 2020 तक बाजार में इस वैक्सीन को उपलब्ध कराना है।

ग्लोब बायोटेक लिमिटेड के सहायक प्रबंधक एवं रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रभारी डॉ. आसिफ महमूद ने आईएएनएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि 10 जून से 28 जून के बीच पांच खरगोशों पर प्रारंभिक परीक्षण करने के बाद सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।

इससे पहले, उन्होंने गुरुवार दोपहर को ढाका में वैक्सीन के लिए प्रारंभिक परीक्षण में सफलता का दावा करने में टीम का नेतृत्व किया।

वैज्ञानिक डॉ. आसिफ महमूद के साक्षात्कार के कुछ अंश :

प्रश्न : ग्लोब बायोटेक बांग्लादेश की एक शोध कंपनी है। क्या यह दुनिया की किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी की कोई शाखा है?

उत्तर : नहीं, वास्तव में ग्लोब बायोटेक लिमिटेड 2015 से बांग्लादेश में काम कर रही एक बायोलॉजिकल ड्रग डिस्कवरी कंपनी है। इस परियोजना की शुरुआत हमारे सीईओ कानकोन नाग और सीओओ डॉ. नाजनीन सुल्ताना ने की थी। हम अपनी खुद की दवा पर भी काम कर रहे हैं। छह बायो के पशु परीक्षणों को पूरा करने के बाद, हमने ढाका में बांग्लादेश मेडिकल रिसर्च काउंसिल (बीएमआरसी) में अपने पीआरओ के माध्यम से एथिकल अनुमोदन के लिए आवेदन किया है। हमारे पास इस महामारी के खिलाफ एक वैक्सीन का आविष्कार करने की क्षमता और अनुभव है। आठ मार्च को बांग्लादेश में एक कोविड-19 रोगी के सामने आने के बाद हमने अपना ध्यान एसएआरएस-सीओवी2 पर केंद्रित कर दिया और 3 नए प्रोजेक्ट शुरू किए। इसमें एक यह है कि हम किट विकास करेंगे; नंबर दो है कि हम देश के लिए टीका बनाएंगे और आखिरी में बायोलॉजिकल मॉलीक्यूल डेवलप करेंगे।

प्रश्न : क्या ग्लोब बायोटेक द्वारा किया गया शोध स्वतंत्र है या आपका शोध किसी अन्य देश की देखरेख में किया गया है?

उत्तर : हमारे सीईओ और सीओओ की देखरेख में ग्लोब बायोटेक स्वतंत्र रूप से शोध कर रही है। दोनों ने कनाडा से टीम की निगरानी की है। वे इस मामले में अनुभवी हैं। डॉ. कानकोन प्रत्यक्ष रूप से एचआईवी वैक्सीन परियोजना में शामिल हैं। वह यहां अपने इस अनुभव का उपयोग कर रहे हैं। हम उनकी प्रत्यक्ष देखरेख में अनुसंधान कर रहे हैं। दोनों के नेतृत्व में 12 सदस्यीय वैज्ञानिक समूह ने 18 मार्च को शोध शुरू किया था।

प्रश्न : आपके द्वारा किए जा रहे शोध के लिए आपने कौन सी विधि अपनाई? आप यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि यह लोगों को कोविड-19 से बचाने में कारगर होगा?

उत्तर : हमने टेस्ट के लिए एसपीआर विधि अपनाई। सर्फेस प्लाज्मोन रेसोनेंस (एसपीआर) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें धातु की सतह के इलेक्ट्रॉन एक खास घटना कोण से उत्पन्न होने वाले प्रकाश के फोटान से उत्तेजित होते हैं, और उसके बाद वे धातु सतह के समानांतर परिवर्धित होते हैं। यह एक ऑप्टिकल तकनीक है, जिसका इस्तेमाल आणविक परस्पर क्रिया के लिए किया जाता है। हमने दुनिया में उपलब्ध सभी डेटाबेस के सिक्वेंस का विश्लेषण किया, जिसमें बांग्लादेश में उपलब्ध सिक्वेंस भी शामिल हैं। हमने अपने विश्लेषण के जरिए लक्ष्य तय किए। हमने अपनी जरूरत के हिसाब से लक्ष्य को संशोधित किए। हमने कई लक्ष्य तय किए हैं।

हम विविध आपूर्ति प्रणालियों पर विचार कर रहे हैं।

आपूर्ति प्रणालियों के जरिए हमने खरगोश पर एक एनिमल ट्रायल किया है।

इसके जरिए हमें एक बहुत अच्छा एंटीबॉडी टिटर प्राप्त हुआ। और उन एंटीबॉडीज ने हमारे एंटीजन के साथ मजबूत जुड़ाव दर्शाया है। हमारे पास अतिरिक्त कैडिडेट्स हैं, जिनमें से कुछ को हमने प्रेस को प्रस्तुत किए हैं। लेकिन कंपनी ने अभी किसी पेटेंट या प्रकाशन के लिए आवेदन नहीं किया है। और पेटेंट से पहले परीक्षण से प्राप्त डेटा का खुलासा नहीं किया जाएगा। हमने कहा है कि हमें प्रारंभिक एनिमल परीक्षण के डेटा को एक विनियमित एनिमल परीक्षण में बदलने की जरूरत है। इसे हम अगले छह से आठ सप्ताह में पूरा कर लेंगे। उसके बाद हम एथिकल अनुमोदन के लिए आवेदन करेंगे।

प्रश्न : यह छह से आठ सप्ताह एनिमल ट्रायल का प्रमाण पाने के लिए है? या मनुष्य पर परीक्षण के लिए?

उत्तर : नहीं, हम प्रारंभिक एनिमल ट्रायल में ही एंटीबॉडी पैदा होने के प्रमाण प्राप्त कर चुके हैं। अब इसे एक विनियमित एनिमल ट्रायल में परिवर्तित करने की जरूरत है। क्योंकि ह्यूमन ट्रायल के लिए हमें एथिकल मंजूरी के लिए इसे नियामक संस्था के पास जमा करना होगा। विनियमित ट्रायल को कुछ और कैरेक्टराइजेशन की जरूरत होगी। उसके बाद हम ह्यूमन ट्रायल के लिए अप्लाई करेंगे।

प्रश्न : क्या आपने अपने शोध के बारे में देश के ड्रग प्रशासन को सूचित किया है?

उत्तर : अभी नहीं। अभी नियामकीय संस्था की कोई भूमिका नहीं है। जब हम एक विनियमित एनिमल ट्रायल करेंगे, तब निश्चित रूप से हम नियामकीय संस्था के पास जाएंगे।

प्रश्न : आपकी क्या अपेक्षाएं हैं? वक्सीन कब रिलीज होगा?

उत्तर : हम विनियमित एनिमल ट्रायल के दिशानिर्देश पहले ही तैयार कर चुके हैं और चार से छह सप्ताह के भीतर परीक्षण पूरे हो जाएंगे। उसके बाद कंपनी बांग्लादेश मेडिकल रिसर्च काउंसिल (बीएमआरसी) से सितंबर के प्रारंभ में एथिकल मंजूरी मांगेगी, जब छह से सात सप्ताह के भीतर विनियमित एनिमल ट्रायल के डेटा हमारे पास आ जाएंगे।

और उसके बाद हम तीन महीने के अंदर फेज 1, 2 और 3 को पूरा करने के बाद दिसंबर में नियामकीय प्राधिकार के पास बाजार अनुमति के लिए आवेदन करेंगे। यदि सबकुछ ठीक रहा तो हम दिसंबर तक अपना वैक्सीन बाजार में लाने में सक्षम हो सकते हैं।

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