भारत अंत में कोरोना के मामलों में अमेरिका से आगे निकल सकता है : येल प्रोफेसर मनीषा जुठानी
Newspoint24.com/newsdesk/सुमित सक्सेना/
नई दिल्ली | अमेरिका में 20 लाख से अधिक कोविड-19 के मामले सामने आ चुके हैं और यह एकमात्र देश है, जहां अब तक दैनिक तौर पर कोरोना पॉजिटिव मामलों की उच्चतम वृद्धि दर्ज की गई है। मगर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के लिए जून सबसे बुरा महीना साबित हो रहा है, जहां रोजाना 10,000 से अधिक कोरोनावायरस के मामले देखने को मिल रहे हैं।
भारत में अब तक 3.3 लाख से अधिक कोरोना मामले सामने आ चुके हैं। देश में जहां शुरूआती एक लाख मामलों का आंकड़ा पहुंचने में साढ़े चार महीने लगे थे, वहीं अब यहां कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। भारत में तीन जून को जहां दो लाख मामले थे, वहीं 10 दिनों में ही यह आंकड़ा तीन लाख से पार पहुंच चुका है।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ और मेडिसिन एवं महामारी मामलों की येल स्कूल ऑफ मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर मनीषा जुठानी ने कहा, “मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा, अगर भारत महामारी के अंत तक कुल मामलों में अमेरिका से आगे निकल जाए।” उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत में 2020 के अंत तक मामलों की संख्या बढ़ती रहेगी।
#India may in the end surpass #US #Covid tally, said Manisha Juthani(@DrJuthani), an infectious diseases specialist & associate professor of medicine & epidemiology at Yale School of Medicine. She added it seems the number of cases will continue to rise by end of 2020 in India. pic.twitter.com/oQjfuYRlie
— IANS Tweets (@ians_india) June 15, 2020
संक्रामक रोग विशेषज्ञ मनीषा जुठानी ने कोरोनावायरस से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आईएएनएस से खुलकर बातचीत की। पेश से बातचीत के कुछ प्रमुख अंश :
प्रश्न : वर्तमान में भारत में रोजाना 10,000 से अधिक कोविड-19 मामले देखे जा रहे हैं और कई विशेषज्ञों का कहना है कि शीर्ष स्तर का आना अभी बाकी है। शीर्ष पर पहुंचने और मामले कम होने के इस क्रम में क्या आपको लगता है कि भारत इस अवधि के दौरान अमेरिका से आगे निकल जाएगा, जिहां 20 लाख से अधिक कोरोना मामले हैं?
उत्तर : मेरा मानना है कि भारत में मलिन बस्तियों में कोविड-19 का परीक्षण बहुत सीमित है। अगर यह सच है, तो भारत में कोरोना मामलों का आकलन वास्तविकता से कम है। भारत में कर्व (वक्र) को देखते हुए, यह जानना मुश्किल है कि यह नीचे जाना कब शुरू होगा। यह देखते हुए कि लॉकडाउन के प्रतिबंधों को कम कर दिया गया है और भारत के बड़े शहरों में लोगों की बड़ी आबादी के आधार पर, यह बहुत अधिक संभावना है कि काफी लोग संक्रमित हो जाएंगे। इसलिए अगर भारत महामारी के अंत तक कुल मामलों में अमेरिका से आगे निकल जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।
लेकिन अगर भारत में व्यापक पैमाने पर परीक्षण नहीं होते हैं, तो हम निश्चित रूप से स्थिति को नहीं जान पाएंगे। अनुमान लगाने का एकमात्र तरीका यह होगा कि सामान्य तौर पर होने वाली मौतों की औसत संख्या को देखें और तुलना करें कि वास्तव में होने वाली मौतों की संख्या कितनी है।
प्रश्न : भारत ने पहले ही राष्ट्रव्यापी बंद में ढील दे दी है। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर, दिनचर्या वापस सामान्य हो गई है। वैक्सीन की अनुपस्थिति में, आपको क्या लगता है कि भारत में 2020 के अंत तक क्या होगा, क्या मामले तेजी से बढ़ेंगे?
उत्तर : भारत में मामलों की संख्या में वृद्धि जारी है। भारत उन 68 देशों में से एक है, जहां कोरोना मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। लॉकडाउन के दौरान कर्व थोड़ा सपाट जरूर दिखाई दिया; मगर अब इसकी गति फिर से तेज हो गई है। यह चीजों से फिर से खोलने के अनुरूप है। मुझे लगता है कि भारत में 2020 के अंत तक मामलों की संख्या में वृद्धि जारी रहेगी। यदि लोग मास्क पहनते हैं, दूरी बनाए रखते हैं और हाथ धोते हैं तो यह दर धीमी हो सकती है।
प्रश्न : संक्रामक रोगों की विशेषज्ञ होने के नाते, क्या आपको लगता है कि राष्ट्रव्यापी बंद ने भारत के लिए काम किया है और यह कोविड-19 प्रसार के खिलाफ भारत की समग्र रणनीति में लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा?
उत्तर : ऐसा लगता है कि लॉकडाउन से आबादी के विभिन्न प्रारूपों में मदद मिली है। जो लोग संक्रमित थे, वह घर पर ही एकांतवास में रह सकते थे और उस स्थिति में वे केवल परिवार के अन्य सदस्यों को ही संक्रमित कर सकते थे, लेकिन संक्रमण अन्य समुदायों में फैलने से जरूर रोक सकते थे। हालांकि, सभी उपायों को स्थानीय समुदायों के संदर्भों को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।
प्रश्न : रिपोर्ट्स कहती हैं कि कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन और वितरण 2021 के अंत तक शुरू हो पाएगा। इन 18 महीनों के लिए आप कमजोर समूह जैसे बुजुर्ग या पहले से बीमार लोगों को क्या सुझाव देंगी। ऐसे लोग इस घातक वायरस से खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
उत्तर : ऐसी खबरें हैं कि कुछ वैक्सीन 2020 के अंत तक भी उपलब्ध हो सकती हैं। वृद्ध, वयस्क और जो लोग पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अगर उनके पास बड़े शहरों के बाहर बंगले हैं तो वहां जा सकते हैं या फिर वह किसी पहाड़ी क्षेत्र (हिल स्टेशन) जा सकते हैं। ऐसी जगहें उनके जाने के लिए एक अच्छी जगह हो सकती है, ताकि वह ताजा हवा प्राप्त कर सकें।
बड़े शहरों में लोगों की भीड़ में अभी बाहर जाना बहुत जोखिम भरा हो सकता है। अगर आप बेहद चिंतित हैं, तो कृपया घर पर ही रहें। अभी बाहर जाना और अपनी सामान्य गतिविधियों में संलग्न होना निश्चित रूप से जोखिम भरा है। अधिक तकनीक प्रेमी बनें और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के साथ रिश्तेदारों के संपर्क में रहने की कोशिश करें।