मैं रुपिंदर की ड्रैग फ्लिकिंग क्षमता का अनुसरण करता हूं: लाकड़ा

मैं रुपिंदर की ड्रैग फ्लिकिंग क्षमता का अनुसरण करता हूं: लाकड़ा

Newspoint24.com/newsdesk/

नयी दिल्ली । भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम के ड्रैग फ्लिकर प्रताप लाकड़ा का कहना है कि वह सीनियर टीम के खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह की ड्रैग फ्लिकिंग क्षमता का अनुसरण करते हैं।

लाकड़ा रेलवे में टिकट कलेक्टर का काम भी करते हैं औऱ वह ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के आदिवासी क्षेत्र से आते हैं। लाकड़ा ने कहा, “मैं रुपिंदर का अनुसरण करता हूं और बीरेंद्र लाकड़ा के खेल को भी देखता हूं। दोनों खिलाड़ी काफी अनुभवी हैं और इन्होंने टीम में विशेष कौशल प्रदान किया है। इन खिलाड़ियों के खेल को देखकर मैं अपने खेल में सुधार करता हूं।”

उन्होंने कहा, “सुंदरगढ़ की एक छोटी सी जगह बेलदिही के होने से हॉकी में आना मेरे लिए स्वाभाविक है। मेरे गांव में सभी लोग खेल खेलते हैं। मेरी बहन राज्य के लिए खेली है जबकि मेरे पिता खासी टूर्नामेंट में खेलते हैं। जब मैंने हॉकी स्टिक हाथ में ली उस समय मैं काफी छोटा था औऱ मुझे पता था कि हॉकी ही मेरा भविष्य होगा।”

2012 में प्रताप लाकड़ा को पंपोश स्पोटर्स होस्टल में शामिल होने का मौका मिला जहां उन्हें हॉकी के बेहतरीन खिलाड़ी दिलीप टिर्की और लाजारुस बारला से सीखने का मौका मिला। उन्होंने कहा, “पंपोश में जब मैंने खेलना शुरु किया तो वहां अमित रोहिदास, स्टेनली विक्टर मिंज जैसे कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे जो काफी अच्छे थे। दिलीप और लाजारुस भाई हमें नियमित तौर पर कोचिंग देते थे।”

लाकड़ा ने कहा, “बेंगलुरु में सीनियर टीम भी ट्रेनिंग ले रही थी जहां हमारा राष्ट्रीय शिविर चल रहा था। जब भी हमारा आराम का दिन होता या सीनियर टीम का आंतरिक मैच होता, हम वहां जाते और मुकाबला देखते।”

ओडिशा सरकार के खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्यभर में हाई परफॉरमेंस सेंटर बनाने के फैसले की सराहना करते हुए लाकड़ा ने कहा कि इस योजना से कई युवा खिलाड़ियों को फायदा पहुंचेगा। लाकड़ा ने कहा, “यह योजना काफी अच्छी है। ओडिशा में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं है लेकिन हाई परफॉरमेंस सेंटर से उन्हें काफी कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय मापदंड में खेलने का फायदा मिलेगा।”

2017 और 2019 में सुल्तान जोहोर कप में खेलने वाले तथा पिछले साल स्पेन में आठ देशों के टूर्नामेंट में भाग लेने वाले लाकड़ा का कहना है कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसी टीम के खिलाफ खेलकर काफी आनंद आया।

उन्होंने कहा, “ब्रिटेन के खिलाफ खेलना काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वह अपने स्थान पर रहकर खेलते हैं और मार्किंग से पीछे नहीं हटते। इन दो टीमों से काफी कुछ सीखने की जरुरत है। ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की टीमों को अगले साल भारत में एएफआईएच जूनियर विश्वकप में सतर्क रहना होगा।”

लॉकडाउन के कारण ब्रेक पर चल रहे लाकड़ा को अगले जूनियर राष्ट्रीय शिविर का शुरु होने का इंतजार है। लाकड़ा ने कहा, “जब तक मैं राष्ट्रीय शिविर में वापस नहीं जाता, तब तक मैं टिकट कलेक्टर की नौकरी जारी रखूंगा और फिट रहने पर ध्यान केंद्रित करुंगा।”

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