कैसे इतना खतरनाक हैं ‘लॉन्ग कोविड’ आम कोविड के मुकाबले ?

कैसे इतना खतरनाक हैं ‘लॉन्ग कोविड’ आम कोविड के मुकाबले ?

Newspoint24.com/newsdesk/

लॉन्ग कोविड की कोई मेडिकल परिभाषा नहीं है ना ही सभी लोगों में एक जैसे लक्षण होते हैं। लॉन्ग कोविड से जूझ रहे दो लोगों के लक्षण बिल्कुल अलग हो सकते हैं, लेकिन अत्याधिक थकान होना एक आम लक्षण जरूर है।

ऐसे लोग थोड़ी दूर चलने भर से थक जाते हैं। महामारी के दौरान अभी तक पूरा ध्यान लोगों की जान बचाने पर था, लेकिन अब कोविड के लंबे समय तक होने वाले असर के बारे में भी बात शुरू हो गई है। लेकिन कई बुनियादी सवाल हैं जिनके जवाब नहीं मिले हैं, जैसे कि लॉन्ग कोविड क्यों होता है और इसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा? 

ये लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में बुरा असर डाल सकता है। बीमारी का सामना कर चुकीं जेड ग्रे क्रिस्टी बताती हैं, ‘मुझे इस तरह की थकान पहले कभी महसूस नहीं हुई थी।’  

कैसे होता है लॉन्ग कोविड?

रोम के एक बड़े अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए 143 लोगों पर की गई एक स्टडी अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन के एक जर्नल में छपी है। इसके मुताबिक, 87 फीसदी लोगों में दो महीने बाद भी कम से कम एक लक्षण पाया गया। इनमें से आधे लोगों ने थकान की शिकायत की। हालांकि ऐसी स्टडी उन ही लोगों पर केंद्रित होती है जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाता है। 

ब्रिटेन के कोविड सिप्टम ट्रैकर, जिसे 40 लाख लोग इस्तेमाल करते हैं, उसके आंकड़ों के मुताबिक 30 दिनों के बाद भी 12 फीसदी लोगों में लक्षण पाए गए। इसके अभी पब्लिश नहीं हुए डेटा के मुताबिक, दो फीसदी लोगों में 90 दिनों के बाद भी लॉन्ग कोविड के लक्षण दिखे। 
लॉन्ग कोविड की कोई मेडिकल परिभाषा नहीं है ना ही सभी लोगों में एक जैसे लक्षण होते हैं। लॉन्ग कोविड से जूझ रहे दो लोगों के लक्षण बिल्कुल अलग हो सकते हैं, लेकिन अत्याधिक थकान होना एक आम लक्षण जरूर है।

ऐसा जरूरी नहीं है। डबलिन में 50 फीसदी लोगों में 10 हफ्तों के बाद भी कोविड के लक्षण देखे गए। एक-तिहाई लोग अपने काम पर वापस लौट पाने में सक्षम नहीं थे। हालांकि बहुत अधिक थकान लॉन्ग कोविड का सिर्फ एक लक्षण है। लीसेस्टर विश्वविद्यालय के क्रिस ब्राइटलिंग्स कोविड से पीड़ित लोगों को ट्रैक करने से जुड़े एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।

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