अमेरिका में हांगकांग स्वायत्तता कानून पारित, चीन ने दी बदले की कार्रवाई की धमकी

अमेरिका में हांगकांग स्वायत्तता कानून पारित, चीन ने दी बदले की कार्रवाई की धमकी

Newspoint24.com/newsdesk/

वाशिंगटन। वार्ता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश जारी कर हांगकांग को वरीयता देने वाले विशेष दर्जे को समाप्त करने की घोषणा करने के साथ ही हांगकांग स्वायत्तता कानून को मंजूरी प्रदान कर दी है जिसके तहत अमेरिका वहां (हांगकांग) के लोगों के अधिकारों का हनन करने वाले चीनी अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। ट्रम्प ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए कहा, “ हांगकांग से अब वैसा ही व्यवहार किया जायेगा जैसा चीन के साथ किया जाता है।”अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हांगकांग की स्वायत्तता का हनन करने के अपराध में चीन को दंड देने के लिए उन्होंने हांगकांग स्वायत्तता कानून पर हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी प्रदान की है। इस कानून को अमेरिकी कांग्रेस में भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। चीन ने इस कानून की कड़ी निंदा करते हुए इसे चीन और हांगकांग के आंतरिक मामलों में बड़ा हस्तक्षेप करार दिया है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कहा, “अमेरिकी कानून दुर्भावनापूर्ण तरीके से हांगकांग में लागू किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को कमजोर करने की कोशिश है। इसके जरिये चीन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी गयी है जोकि अंतरराष्ट्रीय कानून तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों का गंभीर रूप से उल्लंघन है। यह हांगकांग और चीन के आंतरिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप है। चीन की सरकार इसका कड़ा विरोध करती है।”

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चीन ने कहा कि वह अमेरिका में पारित हांगकांग स्वायत्तता कानून के मद्देनजर प्रतिशोध की कार्रवाई करेगा और इस कानून से संबंधित अमेरिकी नागरिकों तथा संगठनों पर प्रतिबंध लगायेगा।

ट्रम्प ने यह आदेश ऐसे समय में जारी किया है जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। हांगकांग में चीन की ओर से लागू किए गए नये विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के बाद से ही ट्रम्प प्रशासन का रुख चीन के प्रति लगातार सख्त होता जा रहा है। इससे पहले इस माह की शुरुआत में अमेरिका ने हांगकांग को रक्षा उपकरणों तथा संवेदनशील प्रौद्योगिकी के निर्यात पर रोक लगाने की घोषणा की थी।
चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने वक्तव्य में कहा, “ हांगकांग चीन का एक विशेष प्रशासित क्षेत्र है। हांगकांग से संबंधित सभी मामले विशेष रूप से चीन के आंतरिक मामले हैं। किसी भी देश को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। चीन हांगकांग की समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने को लेकर पूरी तरह से दृढ़ संकल्प एवं प्रतिबद्ध है। इसके अलावा चीन किसी भी बाहरी ताकत को हांगकांग के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने देगा।”
चीन ने कहा कि हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू होने से रोकने की अमेरिकी कोशिश कभी सफल नहीं होगी।


उल्लेखनीय है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 30 जून को हांगकांग से जुड़े विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा पर हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी प्रदान कर दी थी। चीन के मुताबिक यह कानून हांगकांग में अलगाववादी, आतंकवादी और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगायेगा। जानकारों का मानना है कि इस कानून के जरिये प्रभावी ढंग से विरोध प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगाया जायेगा। छह अध्यायों वाले इस कानून में 66 अनुच्छेद हैं। इस कानून में हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार संस्थानों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है और चार अपराधों को परिभाषित किया गया है।
दरअसल, ब्रिटेन का उपनिवेश रहे हांगकांग के लोगों के पास चीन में रहने वाले लोगों की अपेक्षा ज्यादा अधिकार और स्वतंत्रता है।
चीन ने हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है। हांगकांग के लोगों के अलावा दुनिया के कई विश्लेषकों का मानना है कि इस कानून से हांगकांग की स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा पैदा होगा। इसके अलावा चीन और ब्रिटेन के बीच 1984 में हुए समझौते के तहत हांगकांग को प्राप्त विशेष दर्जा भी खत्म हो जायेगा। हांगकांग के अलावा अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में इस कानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।

हांगकांग और चीन के नेताओं का कहना है कि इस कानून से लोगों के अधिकारों पर काेई असर नहीं पड़ेगा। चीन ने कहा है कि हांगकांग में हाल में हुए विरोध-प्रदर्शनों के लिए विदेशी हस्तक्षेप जिम्मेदार है। चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हांगकांग के संबंध में ‘एक देश, दो प्रणाली’ के सिद्धांत का पालन करने की अपील की है।
गौरतलब है कि वर्ष 1997 में ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन को सौंप दिया था लेकिन एक विशेष समझौते के तहत 50 वर्षों के लिए कुछ अधिकारों की गारंटी भी दी गयी थी। एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में, हांगकांग ‘एक देश, दो प्रणाली’ के सिद्धांत के तहत चीन के शासन से अलग शासन और आर्थिक प्रणालियों को बनाए रखता है।

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