पश्चिम बंगाल में ‘अम्फन’ से भारी तबाही, 12 लोगों की मौत

पश्चिम बंगाल में ‘अम्फन’ से भारी तबाही, 12 लोगों की मौत

Newspoint24.com / newsdesk / आईएएनएस / ओमप्रकाश हि.स. /

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कार्यालय भी चक्रवात की चपेट में आकर आधा टूटा
चक्रवात की वजह से अधिकतर क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति, संचार व्यवस्था और इंटरनेट ठप

कोलकाता | गंभीर चक्रवाती तूफान अम्फान की वजह से बुधवार दोपह पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई। कोलकाता और उसके आस-पास के इलाकों में तेज बारिश के साथ 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक गति से तेज हवाएं चलीं। यह चक्रवात कई वर्षों में बंगाल की खाड़ी में उठने वाले सबसे भयानक चक्रवातों में से एक है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि चक्रवात की आंख, जो 30 कि. मी. व्यास की है, ने धरती को छू लिया है।

पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फन से देर रात तक भारी तबाही हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद बुधवार देर रात एक बयान में चक्रवात अम्फन से पश्चिम बंगाल के छह जिलों में भारी तबाही होने और 12 लोगों के मरने की आशंका जताई है।


चक्रवात बुधवार अपराह्न ढाई बजे दीघा के समुद्र तट से टकराया था। तब इसकी गति 165 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच थी। उसके बाद यह दक्षिण 24 परगना के सागर तट से होते हुए राजधानी कोलकाता, हावड़ा, हुगली और उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना क्षेत्रों से होकर गुजरा है। यहां बड़े पैमाने पर मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। कोलकाता में इसकी अधिकतम गति 133 किलोमीटर प्रति घंटे रिकॉर्ड की गई है। 4 से 5 घंटे तक चक्रवात पश्चिम बंगाल के विस्तृत इलाके में तबाही मचाता रहा है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में खोले गए निगरानी कक्ष में बैठकर पूरे हालात पर निगरानी रखी। रात के समय उन्होंने मीडिया से कहा कि इस चक्रवात की वजह से उत्तर और दक्षिण 24 परगना के विस्तृत इलाके में भारी क्षति हुई है। 10 से 12 लोगों की मौत की खबर मिल रही है। अभी भी यह संख्या और बढ़ सकती है। शाम 6:30 बजे के करीब कोलकाता में चक्रवात की अधिकतम गति 133 किलोमीटर प्रति घंटा रिकॉर्ड की गई है। हालांकि रात को 8:00 बजे के बाद इसकी गति थोड़ी धीमी पड़ी है। सीएम ने कहा है कि खतरा अभी टला नहीं है।


उन्होंने कहा कि रामनगर से लेकर नंदीग्राम तक भारी नुकसान हुआ है। उत्तर 24 परगना के बैरकपुर, बसीरहाट, बारासात के अलावा दक्षिण 24 परगना व हावड़ा की हालत सबसे खराब है। मुख्यमंत्री ने बताया कि चक्रवात ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि लोगों की मदद से वह क्षतिग्रस्त क्षेत्रों को फिर से आबाद करेंगी।


सीएम ने कहा कि दीघा समुद्र तट पर बहुत अधिक नुकसान नहीं हुआ है। सबसे ज्यादा प्रभाव उत्तर और दक्षिण 24 परगना में पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारा दफ्तर भी आधे से अधिक टूट चुका है। अनगिनत मकान टूट गए हैं। नदियों के बांध टूट गए हैं। खेत और फसलों का सर्वनाश हो चुका है। उन्होंने कहा कि चक्रवात की वजह से अधिकतर क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। सीएम ने कहा कि नुकसान का सटीक आकलन करने में कम से कम 10 से 12 दिनों का समय लग सकता है। संचार व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो। 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया है कि राज्य के जिन 6 जिलों से चक्रवात होकर गुजरा है, वहां संचार व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। बिजली की आपूर्ति बंद की गई है ताकि संभावित खतरे को टाला जा सके। टेलीफोन के तार टूट चुके हैं और इंटरनेट आदि का कनेक्शन बंद है। कुल मिलाकर कहा जाए तो यह जिले राज्य के बाकी हिस्से से लगभग पूरी तरह से कर चुके हैं। 
उल्लेखनीय है कि चक्रवात आने से पहले ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य प्रशासन की टीम ने मिलकर 5 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया था। फिर भी बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है। 

अलीपुर मौसम विभाग (पूर्वी क्षेत्र) के संजीब बंद्योपाध्याय ने कहा कि चक्रवात की गोलाकार संरचना ने आज अपराह्न् बंगाल से टकराना शुरू कर दिया।

उन्होंने कहा, प्रक्रिया अपराह्न् 2.30 बजे के आसपास शुरू हुई, जो चक्रवाती वृत्त के आगे के क्षेत्र की सीमा के साथ बंगाल के तटीय जिलों से टकरा रहा है। हमारे रिकॉर्ड के अनुसार शाम चार बजे कोलकाता में हवा की गति 105 किमी घंटा रही है, जो 130 किमी प्रति घंटा तक भी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि तीन तटीय जिले दक्षिण और उत्तर 24 परगना व पूर्वी मिदनापुर सबसे अधिक प्रभावित होंगे। इसके अलावा कोलकाता, हावड़ा, हुगली, पश्चिम मिदनापुर जैसे दक्षिण बंगाल के जिले भारी तूफान का सामना करेंगे।

दक्षिण 24 परगना में सागर द्वीप, काकद्वीप और डायमंड हार्बर, पूर्वी मिदनापुर में दीघा और हल्दिया जैसे क्षेत्रों में तूफान अपने परचम पर है और इससे पेड़ों और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं।

राज्य के सबसे बड़े नागरिक निकाय, कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फरहाद हकीम ने कहा, हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। तूफान के कारण कुछ पेड़ उखड़ गए हैं और शहर के विभिन्न हिस्सों में बिजली गुल हो गई है।

उन्होंने कहा, कोलकाता में पुरानी जीर्ण इमारतों से अस्थायी बचाव केंद्रों में लोगों को स्थानांतरित किया किया है। हालांकि इनमें से कुछ लोगों ने जाने से मना कर दिया है। हमारे अधिकारी एक घंटे के आधार पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, मैं टीएमसी नियंत्रण कक्ष में हूं और कोलकाता में समग्र स्थिति की देखरेख कर रहा हूं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाबाना नियंत्रण कक्ष से स्थिति की समीक्षा कर रही हैं। वह पूरी रात राज्य सचिवालय में रहेंगी। राज्य द्वारा एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। मुख्य सचिव राजीब सिन्हा राहत और बचाव कार्यों की देखरेख कर रहे हैं। पुलिस हाई अलर्ट पर है।

बांग्लादेश में बुधवार को पूर्वी मिदनापुर के दीघा और हटिया द्वीप के बीच कहीं तूफान के टकराने की आशंका के मद्देनजर कोलकाता में सभी फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर को वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि राज्य की राजधानी में विभिन्न फ्लाईओवरों पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने बुधवार को कहा कि इस बीच पश्चिम बंगाल में पांच लाख और ओडिशा में 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

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