स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हुई सुनवाई, तीन अक्टूबर को निर्णय

स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हुई सुनवाई, तीन अक्टूबर को निर्णय

Newspoint24.com/newsdesk/


वाराणसी । स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर और ज्ञानवापी मस्जिद इंतजामिया कमेटी मामले में सोमवार को जिला जज ने दाखिल याचिका पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला के लिए तीन अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है।

न्यायालय में सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल किए गए पुरातात्विक सर्वेक्षण निगरानी को स्वीकार किए जाने के बाद सुनवाई हुई। सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन- फास्ट ट्रैक कोर्ट) के निर्णय के खिलाफ जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका दायर करने में विलंब के लिए क्षमा मांगी। वक्फ बोर्ड के प्रार्थना पत्र को लेकर वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराया। जिला जज ने इस निगरानी याचिका को दाखिल करने के समय लगाए गए सेक्शन 5 लिमिटेशन के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

गौरतलब हो कि ज्ञानवापी मस्जिद इंतजामिया कमेटी तथा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मुकदमे की सुनवाई करने के सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) के क्षेत्राधिकार को लेकर चुनौती दी थी। सिविल जज ने 25 फरवरी 2020 को बोर्ड की चुनौती को खारिज कर दिया था। सिविल जज के निर्णय के बाद 18 सितंबर 2020 को बोर्ड की ओर से अधिवक्ता तौहिद खान ने निगरानी याचिका दायर किया था। विलम्बित याचिका के कारण न्यायालय ने इसे विविध वाद के रूप में दर्ज किया । दोनों पक्षों को आपत्ति देने और सुनवाई के लिए आज की तारिख तय की थी। वाद मित्र अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी के अनुसार जिला जज ने दोनों पक्षों को सुना और फैसला सुरक्षित रखते हुए फैसले के लिए तीन अक्टूबर की तारीख दी है।

स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से पंडित सोमनाथ व्यास और अन्य ने ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण तथा हिंदुओं को पूजा-पाठ का अधिकार देने के लिए वर्ष 1991 में स्थानीय अदालत में मुकदमा दाखिल किया था। जिसमें पक्षकारों ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर मंदिर का अंश है। मस्जिद की जगह पहले मंदिर स्थापित था और मुग़ल बादशाह औरंगजेब ने अपने शासनकाल में मंदिर को गिराकर मस्जिद का निर्माण कराया था। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर व अन्य के वाद मित्र अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने अदालत में याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग की है।

वादमित्र के अनुसार जब देश आजाद हुआ था, तब ज्ञानवापी परिसर का धार्मिक स्वरूप मंदिर का था। इसलिए वास्तविकता का पता लगाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से पुरातात्विक सर्वेक्षण कराया जाए।

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