हाथरस: योगी का सीबीआई से जांच कराने का आदेश, राहुल बोले सरकार परिवार को सुरक्षा देने में रही फेल

हाथरस: योगी का सीबीआई से जांच कराने का आदेश, राहुल बोले सरकार परिवार को सुरक्षा देने में रही फेल

Newspoint24.com/newsdesk/संजय सिंह/


लखनऊ। हाथरस प्रकरण को लेकर विरोधी दलों के हमलावर तेवर के बीच योगी सरकार ने पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ट्विटर एकांउट से शनिवार रात इसकी जानकारी दी गई।

वहीं योगी सरकार पर लगातार हमलावर तेवर अपना रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शनिवार देर शाम पीड़ित परिवार से मिलने उनके गांव बूलगढ़ी पहुंचे। कांग्रेस नेताओं ने बन्द कमरे में पीड़ित परिजनों से बातचीत की और उनकी बातें सुनीं।
प्रियंका ने परिवार की महिलाओं का दर्द बांटकर उन्हें सान्तवना दी। उन्होंने पीड़ित की मां को गले लगा कर उनके साथ खड़े होने का भरोसा दिलाया।

करीब एक घंटे चली इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि इनकी रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी दु:ख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। कोई भी शक्ति आवाज को दबा नहीं सकती है। प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने में फेल रही।

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वहीं प्रियंका वाड्रा ने कहा कि परिवार आखिरी बार बेटी का चेहरा नहीं देख सका। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। जब तक न्याय नहीं मिल जाता, हम यह लड़ाई जारी रखेंगे। परिवार न्यायिक जांच चाहता है। हम अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे। इसके बाद कांग्रेस नेता वापस दिल्ली रवाना हो गए।

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इससे पहले अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने भी शनिवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें निष्पक्ष जांच कर न्याय का भरोसा दिलाया। उन्होंने मीडिया को मुलाकात की जानकारी देते हुए बताया कि हमने परिवार को आश्वस्त किया है कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। इस केस से संबंधित उनकी हर शिकायत का निस्तारण होगा। पुलिस महानिदेशक ने उनको नोट भी किया है। इसका निर्देश एसआइटी को भी दिया गया है। एसआइटी की पहली रिपोर्ट के बाद अब अगली रिपोर्ट पर भी सख्त कार्रवाई होगी। इस केस में जो भी दोषी होगा, वह बख्शा नहीं जाएगा। एसआइटी भी पीड़ित परिवार की हर बात को गंभीरता से सुनेगी, ऐसा उनको निर्देश है।

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