विधानसभा भवन की जगह में हिस्सेदारी को लेकर आमने-सामने हरियाणा और पंजाब

विधानसभा भवन की जगह में हिस्सेदारी को लेकर आमने-सामने हरियाणा और पंजाब

Newspoint24.com/newsdesk / भाषा

चंडीगढ़ । हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि राज्य को अपने गठन के 53 साल बाद भी विधानसभा भवन में पूरा हिस्सा नहीं मिला है। पंजाब के उनके समकक्ष राणा के पी सिंह ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि पंजाब के पास हरियाणा की एक इंच जगह भी बकाया नहीं है।

गुप्ता ने कहा कि हरियाणा को बने 53 साल हो गए हैं, लेकिन चंडीगढ़ में विधानसभा भवन में उसका हिस्सा अब भी बकाया है। पंजाब का विभाजन कर हरियाणा राज्य बनाया गया था और दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ है।

एक नवंबर 1966 को हरियाणा के अस्तित्व में आने के बाद से दोनों राज्यों का एक ही सचिवालय, विधानसभा और उच्च न्यायालय है।

गुप्ता ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिये पता चला कि पंजाब के उनके समकक्ष ने कहा है कि पंजाब को हरियाणा को अब कोई जगह नहीं देनी है।

गुप्ता ने कहा कि हरियाणा के गठन के बाद पड़ोसी राज्य को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत विधानसभा के भवन की 43 प्रतिशत जगह देनी थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि राज्य के हिस्से के 20 कमरे अब भी पंजाब के पास हैं।

उन्होंने कहा कि वह पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वी पी सिंह के साथ इस मुद्दे को उठाएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो वह इस संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी बात करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘हम पंजाब को अपना बड़ा भाई मानते हैं लेकिन उन्हें छोटे भाई के साथ अन्याय नहीं करना चाहिये।’

पंजाब के विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह ने गुप्ता के बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि इस मुद्दे को पहले ही सुलझाया जा चुका है।

उन्होंने कहा, ‘मैंने इस मामले की समीक्षा की है। अगर एक इंच भी जगह बाकी होगी, तो हम निश्चित रूप से देंगे। लेकिन अब उनका हमपर कुछ नहीं बचा है।’

Share this story