हवलदार रतनलाल की हत्या मामले की आरोपित महिला की जमानत याचिका खारिज

हवलदार रतनलाल की हत्या मामले की आरोपित महिला की जमानत याचिका खारिज

Newspoint24.com/newsdesk/


नई दिल्ली । दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले की एक महिला आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि आरोपित के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और स्वतंत्र गवाहों ने उसकी पहचान की है।

कोर्ट ने कहा कि सांप्रदायिक दंगे की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए आरोपित तबस्सुम की उपस्थिति जरूरी है। ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जा सकती है। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा कि आरोपित के खिलाफ एक हेड कांस्टेबल की बर्बर हत्या का आरोप है। उन्होंने कहा कि इस हमले में शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा, गोकलपुरी के एसीपी अनुज कुमार और 51 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

अमित प्रसाद ने कहा कि तबस्सुम घटनास्थल के दिन प्रदर्शनकारियों के साथ दूसरे मंच पर थी और वो भीड़ को केंद्र सरकार के खिलाफ भड़का रही थी, जिसके बाद ये हिंसा हुई। दिल्ली पुलिस ने कहा कि तबस्सुम के कॉल डिटेल रिकॉर्ड के मुताबिक वो मुख्य आरोपितों के साथ संपर्क में थी। दिल्ली पुलिस ने काफी कोशिश की कि तबस्सुम जांच में शामिल हो लेकिन वो जानबूझकर जांच में शामिल नहीं हुई। उसके बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया।

आरोपित की ओर से वकील दिनेश तिवारी ने कहा कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपित का मामले से कुछ लेना-देना नहीं है। इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आरोपित दिल्ली की स्थायी निवासी है, इसलिए उसके भागने की कोई आशंका नहीं है। दिनेश तिवारी ने कहा कि तबस्सुम के पास दयालपुर पुलिस की ओर से कई फोन कॉल्स आ रहे थे और वे कई बार उसके घर भी गए थे। वे तबस्सुम को गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे थे।

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