डिप्टी सीएम सचिन पायलट का दावा गहलोत सरकार अल्पमत में

डिप्टी सीएम सचिन पायलट का दावा गहलोत सरकार अल्पमत में


Newspoint24.com/newsdesk/ वार्ता/आईएएनएस/


जयपुर । राजस्थन में सत्तारूढ़ कांग्रेस में मचे घमासान के बीच उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने साथ 30 कांग्रेस विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए कहा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में आ गयी है। राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट सोमवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।

सूत्रों ने आज बताया कि पायलट कांग्रेस की कल होने वाली बैठक में भी शामिल नहीं होंगे। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायकों को अपने पक्ष में करने के प्रयास शुरु कर दिये हैं। उधर तीन निर्दलीय विधायकों ने भी गहलोत के समर्थन की बात कही है।

कांग्रेस के पर्यवेक्षक रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडे भी जयपुर पहुंच चुके हैं। पांडे ने गहलोत सरकार के अल्पमत में आने के पायलट के दावे के बारे में जानकारी होने से इन्कार किया। इस बीच कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने लगे हैं। उधर कई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सरकार बचाने में जुट गये हैं।

कांग्रेस के सूत्रों ने दावा किया है कि सभी विधायक गहलोत के समर्थन में हैं तथा सरकार पूरी तरह सुरक्षित है। अजय माकन भी जयपुर पहुंच गये हैं। कांग्रेस नेताओं ने भी दावा किया है कि जिन 30 विधायकों काे पायलट अपने पाले में समझ रहे हैं वह उनके नाम बतायें।

 राजस्थान में अपनी सरकार के लुढ़कने के कगार पर पहुंचती देखकर कांग्रेस के दिग्गजों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट और उनके डिप्टी सचिन पायलट के गुट में सुलह कराने के उपाय तलाशने शुरू कर दिए हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “हर चीज का समय और जगह होती है। गहलोत और पायलट, दोनों अनुभवी नेता हैं। दोनों को समझदारी और परिपक्वता दिखानी होगी, जिसके लिए वे जाने जाते हैं। विक्षोभ जल्द दूर की जानी चाहिए और दूरगामी हल निकाला जाना चाहिए।”

सिंघवी का बयान ऐसे समय में आया है जब उपमुख्यमंत्री पायलट के एक दर्जन से ज्यादा विधायकों से संपर्क तोड़ लेने से राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है।

पायलट शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे और पार्टी की अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए उन्होंने समय मांगा।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, पायलट ने देर रात कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल से बात की, लेकिन गहलोत और उनके नायब के बीच समस्या गहरा गई है, क्योंकि गहलोत मुख्यमंत्री के पद पर बने रहना चाहते हैं।

सूत्रों ने कहा, कांग्रेस दोनों खेमों में सुलह कराने का भरसक प्रयास कर रही है, ताकि शर्मिदगी न उठानी पड़े।

–आईएएनएस

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