आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.26 करोड़ व्यक्तियों का निःशुल्क उपचार, 12.5 करोड़ से अधिक ई-कार्ड जारी

आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.26 करोड़ व्यक्तियों का निःशुल्क उपचार, 12.5 करोड़ से अधिक ई-कार्ड जारी

Newspoint24.com/newsdesk/

नयी दिल्ली । केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि सितंबर 2018 में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के शुरु किये जाने के बाद से अब तक 1.26 करोड़ व्यक्तियों ने इस योजना का लाभ उठाकर निशुल्क उपचार कराया है तथा साढ़े 12 करोड़ से अधिक ई कार्ड जारी किये गये हैं।

डॉ़ हषवर्धन ने मंगलवार को देर शाम आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दूसरी वर्षगांठ पर आरोग्य मंथन 2.0 की अध्यक्षता की। उन्होंने योजना को ऐतिहासिक कदम करार देते हुए कहा कि यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 53 करोड़ से अधिक भारतीयों को प्रति वर्ष प्रति परिवार पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान कर उन्हें निःशुल्क उपचार की सुविधा दे रही है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक 15,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के निशुल्क उपचार किए गए हैं। इससे बेहद गरीब लोगों को स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले बड़े खर्च से बचा कर ऐसे परिवारों के लोगों की जान बचाई गई है। उन्होंने कहा ,“ इस योजना के सफल संचालन से मुझे जो खुशी मिल रही है, उसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता।”उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों को सहायता दी जाती है, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इन दो वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 1.26 करोड़ लाभार्थियों का निःशुल्क उपचार किया गया। इस योजना में 23,000 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं । सूचीबद्ध अस्पतालों में 45 प्रतिशत निजी अस्पताल हैं, जिनका कुल निशुल्क उपचार में योगदान 52 प्रतिशत का है। योजना के तहत अब तक 12.5 करोड़ ई-कार्ड जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इस्तेमाल की गई कुल राशि का 57 प्रतिशत कैंसर, हृदय रोग, हड्डी रोग और नवजात शिशु रोग जैसी प्रमुख बीमारियों के उपचार के लिए खर्च किया जाता है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सार्वभौम स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इसके अंतर्गत देश की कुल आबादी के बड़े भाग को उन्नत उपचार सुविधाएं दी जा रही हैं। लाभार्थियों से प्राप्त अनुभव और प्रतिक्रिया हमारी शक्ति बनती है, जिससे हम इस योजना को और अधिक ऊर्जा के साथ लागू करने का काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को मानवाधिकार का अंग कहा जा सकता है। देश में 1,50,000 स्वास्थ्य आरोग्य केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। छोटे देशों में सार्वभौम देखभाल का लक्ष्य हासिल करना आसान हो सकता है, लेकिन भारत जैसे विशाल देश में यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे हम बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस वर्ष इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि इस योजना के तहत आबादी के उन ऐसे समूहों को उपचार सुविधाएं प्रदान कर सकें, जो इससे अभी वंचित हैं। ये समूह हैं- कूड़ा बीनने वाले, सड़क दुर्घटना में घायल लोग, ट्रक चालक आदि। उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरू किए गए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के साथ मिलकर आयुष्मान भारत योजना देश की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का स्तम्भ बनेगी और सुरक्षित, समय पर, गुणवत्तापूर्ण और उपयुक्त उपचार सुविधाएं प्रदान करने का दायरा बढ़ा सकेगी।

इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यह योजना सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज का दायरा बढ़ाने में सहायक होगी। श्री चौबे ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री के सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया के सपने को साकार करेगी।

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