प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सेंध लगाने वाले दो जनसुविधा केंद्र संचालक समेत पांच गिरफ्तार

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सेंध लगाने वाले दो जनसुविधा केंद्र संचालक समेत पांच गिरफ्तार

Newspoint24.com/newsdesk/आयुषीशर्मा

शाहजहांपुर। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सेंध लगाने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए एसओजी व रोजा पुलिस की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को दो जनसुविधा केंद्र संचालकों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जालसाजों की निशानदेही पर कई लैपटॉप, मोबाइल फोन, प्रिंटर,सीपीयू,टीएफटी, फिंगर प्रिंट डिवाइस आदि समान भी बरामद किया है। 

जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह व पुलिस अधीक्षक एस आंनद द्वारा शुक्रवार अपरान्ह संयुक्त प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। गिरफ्तार आरोपितों को मीडिया के सामने पेश करते हुए जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया की जालसाजों के एक गिरोह द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सेंध लगाते हुए जिले में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करते हुए अपात्र किसानों को योजना का लाभ दिलाया गया था। मामले को जानकारी होने पर कृषि उपनिदेशक कार्यालय पर तैनात अवर अभियंता ओमवीर राठौर द्वारा रोजा कोतवाली पर अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा पंजिकृत कराया गया। 

मामले के खुलासे व जालसाजों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक (नगर) संजय कुमार के पर्यर्वेक्षण एंव क्षेत्राधिकारी नगर के निर्देशन मे रोजा पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम को लगाया गया था।

जिलाधिकारी ने बताया की शुक्रवार को मुखबिर की सूचना पर टीम ने बरेली मोड़ के पास घेराबन्दी करते हुए सिंधौली थाना क्षेत्र के ग्राम शेखुपुर निवासी हरिशंकर व पैगापुर निवासी दिनेश,सदर बाजार थाना क्षेत्र के मोहल्ला एमनजई जलालनगर निवासी मोहित गांधी तथा गढ़िया रंगीन क्षेत्र के ग्राम सिमरा मजरा डभौरा निवासी अनिल तथा मुड़िया खेडा अजमाबाद निवासी विपिन कुमार को गिरफ्तार कर लिया। यहीं नहीं आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने तीन लैपटॉप, चार मोबाइल फोन,एक सीपीयू, एक प्रिंटर, एक टीएफटी, एक फिंगर प्रिंट डिवाइस आदि सामान भी बरामद कर लिया। 

श्री सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियो में अनिल व विपिन जन सुबिधा केंद्र चलते है जबकि अन्य तीन आरोपित आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से डाटा फीडिंग का कार्य करने के लिए नियुक्त किये गए थे। उन्होंने बताया कि उक्त गिरोह अपात्र भूमिहीन किसानों को बहला-फुसलाकर तथा योजन का लाभ दिला देने का झांसे देकर उनसे उनके आधार कार्ड, बैंक पासबुक आदि कागजात ले लेता था। जिसके बाद पासवर्ड की मदद से सरकारी सिस्टम को खोल लेते और फिर फर्जी कागजात तैयार कर, फर्जी खतौनी नंबर डालकर अपात्र फर्जी किसानों के बैंक खाते में किसान सम्मान निधि की रकम भेज दिया करते थे। इसकी एवज में यह लोग फँसाये गए किसानों को मिलने पहली किस्त के दो हजार रुपये खुद ले लेते है। 

डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि दोनों जनसुविधा केंद्रों का डाटा भी खंगाला गया है। जिसमे 150 से 200 लोग और प्रकाश में आये जिनको इसी प्रकार से योजना का लाभ दिलाया गया है। कुछ फर्जी लाभार्थियों के बैंक खातों को सीज कर दिया गया है तथा फर्जी लाभार्थियों से सरकारी धन की रिकवरी की जाएगी। इसके अलावा उक्त गिरोह के खिलाफ गैंगेस्टर व उनकी सम्पत्तियों को सील कर जब्त करने की कार्यवाही भी की जाएगी। 

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