एंटीबायोटिक गुणों से भरपुर नीम का हर भाग कफ और बुखार का नाशक है , वायरस को मारने की रखता है क्षमता

एंटीबायोटिक गुणों से भरपुर नीम का हर भाग कफ और बुखार का नाशक है , वायरस को मारने की रखता है क्षमता

Newspoint24.com/newsdesk/

नीम स्वाद में भले कड़वा हो लेकिन इसकी छाल, बीज, पत्ती सब कुछ आपके जिंदगी में मीठा घोल सकता है। आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है। एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर नीम औषधियों में सर्वश्रेष्ठ है। यह कफ और बुखार नाशक होने के कारण इसका प्रयोग कोरोना के संक्रमण से रोकने के साथ ही अनेक रोगों से आपको निजात दिला सकता है।

इस संबंध में आयुर्वेदाचार्य एसके राय का कहना है कि नीम का छाल पानी में घिसकर लगाने से कील मुंहासे नष्ट होते हैं। इसके अलावा नीम की पत्तियों का लेप करने से भी त्वचा रोग के कीटाणु नष्ट होते हैं। इससे चेहरे में निखार आता है। नीम के तेल को कपूर के साथ मिलाकर त्वचा लगाने से भी फायदा होता है। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से बताया कि सिरदर्द, दांत दर्द, हाथ-पैर दर्द और सीने में दर्द की समस्या होने पर नीम के तेल की मालिश से काफी लाभ मिलता है। इसके फल का उपयोग का नाशक है। इसके साथ ही मलेरिया जैसे बुखार में भी यह काफी फायदेमंद है। इसके उपयोग से बहुत हद तक कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि आदी काल से ही नीम के दातुन का प्रचलन चला आ रहा है लेकिन इस बीच बदलते जमाने में लोग इसको त्याग दिये, जकि नीम के दातुन से दांत मजबूत होते हैं और पायरिया की बीमारी भी समाप्त होती है। नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांत व मसूढ़े दोनों स्वस्थ रहते हैं और मुंह से दुर्गंध भी नहीं आती।

आयुर्वेदाचार्य एसके राय ने बताया कि त्वचा रोग होने पर नीम के तेल का प्रयोग करना लाभकारी होता है। नीम के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर शरीर पर मालिश करने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि नीम के डंठल में, खांसी, बवासीर, प्रमेह और पेट में होने वाले कीड़ों को खत्म करने के गुण होते हैं। इसे प्रतिदिन चबाने या फिर उबालकर पीने से लाभ होता है।

उन्होंने कहा कि नीम की छाल को पानी में उबालकर, उसका काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े को दिन में तीन बार, दो बड़े चम्मच भरकर पीने से बुखार कोई भी बुखार हो ठीक हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि किसी प्रकार का घाव हो जाने पर भी नीम के पत्तों का लेप लगाने से काफी लाभ मिलता है। यह दाद, खाज, खुजली के लिए तो रामबाण है। इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से जल्दी लाभ मिलता है। विषैले कीटों के काटने पर इसे लगाने पर भी काफी राहत मिलता है। उन्होंने कहा कि आंखों में रतौंधी होने पर इसके तेल को काजल की तरह लगाने पर काफी फायदा मिलता है।

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