कोरोना से निपटने के लिए प्रभावी जांच, उपचार, ट्रेसिंग और निगरानी जरूरी: मोदी

कोरोना से निपटने के लिए प्रभावी जांच, उपचार, ट्रेसिंग और निगरानी जरूरी: मोदी

Newspoint24.com/newsdesk/

नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और इससे निपटने के लिए प्रभावी जांच, ट्रेसिंग, उपचार, निगरानी और स्पष्ट संदेश के माध्यम से जागरूकता फैलाने पर फोकस बढ़ाना होगा।

प्रधानमंत्री ने साथ ही एक या दो दिन की स्थानीय पूर्णबंदी लगाने वाले राज्यों से इस बारे में फिर से विचार करने को कहा है और यह विश्लेषण करने को कहा है कि कहीं इससे उनके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत तो नहीं आ रही है। उन्होंने मास्क के इस्तेमाल पर भी बहुत अधिक जोर दिया।

श्री मोदी ने देश में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामलों वाले सात राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ आज वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से चर्चा की। इन राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा पंजाब शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चर्चा के दौरान अनेक ऐसी बातें सामने आई हैं, जिनसे आगे की रणनीति के लिए रास्ता और अधिक स्पष्ट होता है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि भारत में संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। लेकिन हर रोज 10 लाख से ज्यादा टेस्ट भी किये जा रहे हैं और ठीक होने वालों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है।

अनेक राज्यों में और राज्यों के भीतर स्थानीय स्तर पर भी श्रेष्ठ अनुभव सामने आ रहे हैं। इन अनुभवों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करना होगा।

उन्होंने कहा कि बीते महीनों में कोरोना के इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास हुआ है उससे कोरोना के मुकाबले में बहुत मदद मिली है। उन्होंने कहा , “ अब हमें एक तरफ जहां कोरोना से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तो मजबूत करना ही है, जो हमारा हेल्थ से जुड़ा, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी सुनिश्चित करनी है।”

श्री मोदी ने कहा कि कोरोना से निपटने के उद्देश्य से ढांचागत सुविधाओं के लिए अब राज्य आपदा मोचन कोष से 50 प्रतिशत तक राशि का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस फैसले से राज्यों को कोरोना से मुकाबले के लिए और ज्यादा राशि उपलब्ध हो सकेगी।’

उन्होंने कहा , “ एक और महत्वपूर्ण बात मैं आपसे करना चाहता हूं। जो 1-2 दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को अपने स्तर पर इसका अवलोकन करना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है? मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें। ”

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए , “ प्रभावी टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और स्पष्ट मैसेजिंग, इसी पर हमें अपना फोकस और बढ़ाना होगा। प्रभावी मैसेजिंग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है। ऐसे में अफवाहें उड़ने लगती हैं। सामान्य जन के मन में ये संदेह उठने लगता है कि कहीं टेस्टिंग तो खराब नहीं है। यही नहीं कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आंकने की गलती भी करने लगते हैं।”

श्री मोदी ने मास्क के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि तमाम अध्ययन बताते हैं की संक्रमण को रोकने में मास्क की भूमिका बहुत अधिक है। मास्क की आदत डालना बहुत मुश्किल है, लेकिन इसको रोजमर्रा के जीवन की एक अनिवार्यता बनाए बिना हमें सार्थक परिणाम नहीं मिल पाएंगे।

उन्होंने कहा कि बीते अनुभवों से तीसरी बात ये निकलकर आई है कि एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच सेवाओं और सामान की आवाजाही में रुकावट से सामान्य नागरिकों को अनावश्यक परेशानी होती है। इससे जनजीवन भी प्रभावित होता है और आजीविका पर भी असर पड़ता है। अब जैसे ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर बीते कुछ दिनों में कई राज्यों में परेशानियां आई हैं। जीवन रक्षक ऑक्सीजन की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए हर ज़रूरी कदम उठाने होंगे।

श्री मोदी ने कहा कि भारत ने मुश्किल समय में भी पूरे विश्व में जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है। ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच दवाइयां आसानी से पहुंचे, हमें मिलकर ही ये देखना होगा। संयम, संवेदना, संवाद और सहयोग का जो प्रदर्शन इस कोरोना काल में देश ने दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है।

संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सबके साझा प्रयास ज़रूर सफल होंगे।

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