किसानों की मांग को लेकर धरने पर तबियत बिगड़ने से हुई मृत्यु सरकार के माथे पर कलंक-राठौड़

किसानों की मांग को लेकर धरने पर तबियत बिगड़ने से हुई मृत्यु सरकार के माथे पर कलंक-राठौड़

Newspoint24.com/newsdesk/


जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि जोधपुर के माणकलाव गांव में किसान आंदोलन के दौरान शुक्रवार देर रात मांडियाई निवासी नौजवान किसान पुखराज डोगीयाल की धरने पर तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु होना सरकार के माथे पर कलंक है।
श्री राठौड़ ने आज यहां एक बयान में राज्य सरकार से मृतक किसान के पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिए जाने और किसानों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से की जा रही न्याय संगत मांगों को स्वीकार करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना में सबसे ज्यादा नुकसान किसान वर्ग को पहुंचा है। प्रदेश के किसान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से कोरोना काल के छह माह के बिजली बिल माफ करने और कृषि बिलों में 833 रुपए प्रतिमाह अनुदान देने की मांग को लेकर पांच अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहा किसान वर्ग बिजली दरों में बढ़ोतरी होने से आक्रोशित है और सरकार के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर हुआ। लेकिन किसान हितैषी सरकार का दंभ भरने वाली असंवेदनशील सरकार के मुखिया किसानों की जायज मांगों को अनसुना कर रहे है जिसका परिणाम यह निकला कि किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे धरतीपुत्र पुखराज डोगीयाल को अपनी शहादत देकर कीमत चुकानी पड़ी।

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