एमजे अकबर मानहानी मामले में 8 को अंतिम दलीलें सुनेगा कोर्ट

एमजे अकबर मानहानी मामले में 8 को अंतिम दलीलें सुनेगा कोर्ट

Newspoint24.com/newsdesk/


नई दिल्ली । दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर मानहानि के मुकदमे पर अंतिम दलीलें 8 सितम्बर को सुनेगा। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रिया रमानी की वकील रेबेका जॉन की दलीलें सुनी।

सुनवाई के दौरान रेबेका जॉन ने कहा कि जनता के हित में अगर सही बात रखी जाए तो वो मानहानि का मामला नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रिया रमानी के ट्वीट और वोग मैगजीन में छपे आलेख सच्चाई को बयां कर रहे थे। उन्होंने एमजे अकबर की याचिका को खारिज करने की मांग की।

एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था। 25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी। कोर्ट ने प्रिया रमानी को 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे। कोर्ट ने प्रिया रमानी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की स्थाई छूट दी थी।

11 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने मीडिया से आग्रह किया था कि वे इस केस के संबंधित वकीलों के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करें। दरअसल 11 दिसंबर 2019 को जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो एमजे की वकील गीता लूथरा ने एक वेबसाईट में गजाला वहाब के बयानों के बारे में छपी खबरों के कुछ खास हिस्सों पर आपत्ति जताई थी। लूथरा ने अपनी आपत्ति एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा के चैंबर में जाकर बताई। लूथरा की शिकायत सुनने के बाद जज विशाल पाहूजा कोर्ट में आए और पत्रकारों से अपील की कि वे वकीलों के बारे में निजी टिप्पणी नहीं करें।

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