देश का अभिनेता भारत विरोधी देश में फिर विवादों में अभिनेता आमिर खान

देश का अभिनेता भारत विरोधी देश में फिर विवादों में अभिनेता आमिर खान

Newspoint24.com/newsdesk/

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डॉ. रामकिशोर उपाध्याय


अभिनेता आमिर खान इन दिनों तुर्की में हैं। कहा जा रहा है कि वे अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए गए हैं। भारतीय जनमानस इससे आहत है कि हमारे देश का अभिनेता शत्रु समर्थक, भारत विरोधी देश में फिल्म की शूटिंग के बहाने वहाँ के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन की पत्नी एमिन एरदुगान के घर अतिथि बनकर मंत्रणा करता दिख रहा है। आमिर खान देश विरोधी बयानों के लिए पहले भी विवादों में रहे हैं। तथाकथित बुद्धिजीवियों एवं कट्टरपंथियों ने जब भारत की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से असहिष्णुता कार्ड खेलकर अवॉर्ड वापसी का प्रहसन किया था, उस अभियान का समर्थन करते हुए आमिर खान ने एक साक्षात्कार में यहाँ तक कह दिया कि उनकी पत्नी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर इतना डरी हुई है कि देश छोड़ने की कह रही है।


फिल्म की शूटिंग के लिए तुर्की की जगह किसी भी अन्य देश का चयन किया जा सकता था क्योंकि इस समय तुर्की एकमात्र ऐसा मुस्लिम देश है जो खुलकर पाकिस्तान के साथ खड़ा है। भारत ने जब पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद को बंद कराने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड करने का दबाव बनाया तो तुर्की ने अपनी पहुँच का प्रयोग कर उसे बचा लिया। पिछले कुछ वर्षों से तुर्की भारत के विरुद्ध विष-वमन करते हुए उसके आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयत्न करता रहा है। कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान, इस्लामिक देशों से बार-बार यह विनती करता रहा कि कश्मीर विषय पर उसका समर्थन करें, किंतु मलेशिया एवं तुर्की के अतिरिक्त किसी भी अन्य इस्लामिक देश ने पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया। आश्चर्य की बात यह है कि जहाँ दुनिया के सभी देश (इस्लामिक देश भी) पाकिस्तानी नागरिकों को अपने यहाँ से निकाल रहे हैं (पाकिस्तान गृह मंत्रालय के अनुसार 2014 के बाद 5 लाख 19 हजार नागरिक निर्वासित किये गए) तब तुर्की पाकिस्तानी नागरिकों को दोहरी नागरिकता देने पर विचार कर रहा है। इससे यह संदेह भी जताया जा रहा है कि क्या आमिर खान भी दोहरी नागरिकता लेने की सोच रहे हैं?

देश का अभिनेता भारत विरोधी देश में फिर विवादों में अभिनेता आमिर खान


पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के पोषण एवं निर्यात की नीति का पूरी दुनिया विरोध कर रही है किन्तु तुर्की अकेला देश है जो पाकिस्तान का साथ दे रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन पाकिस्तान की संसद में कश्मीरी जनता से पाकिस्तान और अपना रिश्ता होने की बात कहकर स्वयं को पाकिस्तान के भारत विरोधी अभियान में शामिल कर चुके हैं। 24 सितंबर 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्की कश्मीर राग अलापकर भारत का अपमान कर चुका है। यही नहीं, तुर्की विदेश मंत्रालय द्वारा कश्मीर से 370 हटाने की आलोचना करना भी भारत के प्रति उसके वैर-भाव को स्पष्ट रूप से इंगित करता है। अब इन्हीं राष्ट्रपति महोदय के घर आमिर खान को देखकर आमजन का आहत होना स्वाभाविक है।


इस समय पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है। व्यापार-धंधे चौपट हो रहे हैं। इस स्थिति में यदि भारतीय अभिनेता भारत में ही फिल्मों की शूटिंग करें तो इसका लाभ देश के लोगों को ही मिलेगा। उचित होता यदि आमिर अपनी फिल्म की शूटिंग कश्मीर और लद्दाख में करते। इससे वहाँ के लोगों को आर्थिक लाभ मिलता और भारत के शत्रु देश चीन-पाकिस्तान दोनों को कड़ा सन्देश जाता। इसके उलट आमिर खान तो अभी भी चीनी सोशल साईट सिना वीबो पर अपने चीनी दोस्तों का मन बहला रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री तक ने सिना वीबो से अपना अकाउंट बंद कर दिया किन्तु आमिर ने ऐसा नहीं किया। ये सही है कि आमिर खान की कुछ फिल्में चीन में बहुत लोकप्रिय रही हैं किन्तु उन्हें इस ऊँचाई पर चीन ने नहीं भारतीय दर्शकों ने पहुँचाया है। अपनी फिल्म को चीन में चलाने के लिए देश के करोड़ों चाहने वालों की भावनाओं से खिलवाड़ करना उचित है?


आमिर अभिनेता होने से पहले इस देश के नागरिक हैं और एक नागरिक के रूप में उनका कर्तव्य है कि वे ऐसा कोई कार्य न करें जिससे देश की छवि धूमिल हो। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ शत्रु देशों को लाभ पहुँचाना नहीं है। आज का तुर्की कट्टर इस्लामिक देश बनने की राह पर है। वह भारतीय मुसलमानों को कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के मुद्दे पर भड़काना चाहता है। उसे भारत में ऐसे मुस्लिम चेहरों की आवश्यकता है जो यहाँ तुर्की समर्थकों की संख्या बढ़ाकर उसके मंतव्य को फलीभूत कर सके।


(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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